प्रतिस्पर्धा के दौर में सिर्फ मेहनत नहीं, स्मार्ट प्लानिंग भी जरूरी: राहुल कुमार
इस मौके पर बोलते हुए उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में केवल कड़ी मेहनत पर्याप्त नहीं है, बल्कि सूझबूझ, समय प्रबंधन और स्मार्ट प्लानिंग सफलता की अहम कुंजी है। उन्होंने कहा कि देशभर में हर वर्ष लगभग एक करोड़ विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं, लेकिन इनमें से मात्र पांच से सात प्रतिशत उम्मीदवार ही अंतिम चयन तक पहुंच पाते हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतिदिन छह से आठ घंटे नियमित अध्ययन करने, साप्ताहिक मॉक टेस्ट देने, पिछली परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करने और आत्म-मूल्यांकन को अध्ययन रणनीति का हिस्सा बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल शिक्षा के इस युग में संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि स्पष्ट लक्ष्य, सही दिशा और निरंतर अभ्यास सफलता सुनिश्चित करते हैं।
उपायुक्त ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि असफलता को सीखने का अवसर मानें और बिना निर्धारित लक्ष्य के तैयारी कभी परिणाम नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि सही समय पर लिया गया सही निर्णय भविष्य की दिशा और गति दोनों तय करता है।
वर्कशॉप के दौरान सिविल स्टेप इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय जोशी ने यूपीएससी, एचएएस, एलाइड सेवाओं, बैंकिंग, पुलिस भर्ती, एसएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर परीक्षा पैटर्न, विषय चयन, उत्तर लेखन, अध्ययन तकनीक और रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने संस्था के सफल अभ्यर्थियों के उदाहरण साझा कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
प्रश्न-उत्तर सत्र के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को संस्था की ओर से हिमाचल जनरल नॉलेज की पुस्तकें प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बिलासपुर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पी.एस. कटवाल ने जिला प्रशासन और सिविल स्टेप इंस्टीट्यूट को युवाओं के लिए इस सार्थक और प्रभावी पहल के लिए आभार जताया। इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल प्रो. प्रेमजीत, कॉलेज एडवाइजरी सदस्य रीता शर्मा, करियर काउंसलिंग कन्वीनर नम्रता पाठानिया, एनसीसी एएनओ डॉ. जय चंद, रोवर एंड रेंजर ऑफिसर डॉ. रजनी, आरआरसी कन्वीनर डॉ. सोनिया राठौर, एनएसएस अधिकारी प्रो. अनुश्रिया, डॉ. अजीत, प्रो. अश्विनी चंदेल और रितुराज भी उपस्थित रहे।



