मुख्यमंत्री ने सभी को दिया मान सम्मान : कांग्रेस
अक़्स न्यूज लाइन,शिमला --24 मार्च
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से हुए चुनावी प्रकरण के बीच शनिवार को एक नया मोड़ आया. जब छह कांग्रेस के बागी नेता और 3 निर्दलीय विधायक इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए. इसको लेकर राजधानी शिमला में प्रदेश की सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा, CPS संजय अवस्थी और विधायक संजय रतन ने संयुक्त प्रेस वार्ता की।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने सरकार के पूरे 5 साल चलने का दावा किया साथ ही प्रदेश में खाली हुई 9 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने की भी बात कही. इस मौके पर कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस से बागी हुए नेताओं और निर्दलीय विधायकों पर भी निशाना साधा।
सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा की भाजपा शीर्ष नेतृत्व की ओर से पिछले 1 महीने से प्रदेश में उठा पटक का माहौल पैदा किया गया है। हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब करने के लिए इन सभी पूर्व विधायकों को शिमला और दूसरे स्थान पर अलग-अलग जगह पर ठहराया जा रहा है।
अब कांग्रेस के 6 बागी नेता और 3 निर्दलीय विधायकों को भाजपा में शामिल किया गया. भाजपा की केंद्र सरकार आए दिन दूसरे दलों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है. उनका लक्ष्य केवल दूसरे राज्य में अपनी सरकार को स्थापित करना है. दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. हिमाचल के छः कांग्रेस के बागी और तीन निर्दलीय नेताओं को भी भाजपा में शामिल कर लिया गया है।
यादवेंद्र गोमा ने कहा कि हिमाचल के जो नेता भाजपा में शामिल हुए हैं वह हिमाचल में बड़े पदों पर रहे हैं. पार्टी ने उन सभी नेताओं को हमेशा मान सम्मान दिया है. गोमा ने कहा की सुधीर शर्मा को हमेशा पूरा मान सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी दी गई. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का उन्हें दाहिना हाथ कहा जाता था. यहां तक कि उनके पिता भी कांग्रेस पार्टी में अच्छे पदों पर रहे हैं।
इस दौरान यादवेंद्र कुमार ने राजेंद्र राणा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो लोग भाजपा में शामिल हुए हैं वह पहले भी भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. भाजपा के एक सेट एजेंडा के तहत जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है वहां सरकार गिराने का हर संभव प्रयास करती है।
इस दौरान CPS संजय अवस्थी ने कहा की हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने का काम किया था. जिसमें भाजपा पूरी तरह से असफल रही है. संजय अवस्थी ने कहा कि छे नेता जिन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की उन पर दबाव बनाकर यह काम किया है।
विधायक संजय रतन ने कहा कि जो आजाद उम्मीदवार अपना भाषण ऐसी कौन सी मजबूरी थी जिस वजह से उन्हें भाजपा शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा यहां पर भी बात समझ नहीं आ रहा कि आप का दबाव भाजपा की ओर डाला जा रहा था जिसकी वजह से दोबारा चुनाव लड़ने का फैसला उनकी ओर से लिया गया है।
सभी निर्दलीय विधायकों को अपने क्षेत्र की जनता को ही जवाब जरूर देना पड़ेगा क्यों इस्तीफा देना पड़ा है. हिमाचल प्रदेश में अगर चुनाव विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होते हैं तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और सरकार संगठित होकर यह चुनाव जीतेगी।