भाजपा ने राज्यपाल को कांग्रेस सरकार खिलाफल ज्ञापन सौंपा - पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए विभिन्न विभागों के सरकारी संस्थानों को बंद करने पर अपत्ति जताई
राज्य भाजपा ने रविवार को प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को कांग्रेस सरकार खिलाफ ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत जनविरोधी निर्णयों से की हो। राज्य भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि किसी भी प्रदेश की उन्नति, प्रगति एवं विकास तभी संभव है जब उस प्रदेश की सरकार सकारात्मक सोच और दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करें। कश्यप ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली बदला.बदली एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनैतिक द्वेष के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं।
राज्यपाल से क हा गया है कि हिमाचल प्रदेश में अब तक राज्य विद्युत 32, स्वास्थ्य संस्थान पीएचसी, सीएचसी, अस्पताल, 291, विभाग के तहसीलें 3, उप.तहसीलें 20, कानूनगो सर्कल 9, पटवार सर्कल 80, आई0टी0आई0 17, रेवेन्यू सब डिवीजन सर्कल डिवीजन, सब.डिवीजन, सैक्शन 16, 2, लोक निर्माण विभाग एसडीपीओ, पुलिस स्टेशन, पुलिस पोस्ट 18, आयुर्वेदिक अस्पताल 3, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र 41, अन्य 42 सहित 574 कार्यालयों को बंद कर दिया गया है जो न केवल जनविरोधी है बल्कि तानाशाही निर्णय है जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता। भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लेकर सभी संस्थान आवश्यकतानुसार एवं बजटीय प्रावधान के साथ खोले थे। इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थी परन्तु मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए जो कि कानून संगत भी नहीं है और कांग्रेस पार्टी की संकीर्ण व दुषित मानसिकता का परिचायक है। हिमाचल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को जनमत देकर प्रदेश की कमान सौंपी है परन्तु कांग्रेस पार्टी जनमत का अपमान करते हुए कुंठित मानसिकता एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से निर्णय लेकर जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश सरकार इस प्रकार की तानाशाही कार्यशैली अपनाकर हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं जनभावनाओं का हनन करने का प्रयास कर रही है जो सर्वथा अनुचित है। कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि वो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करती परन्तु यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार सत्ता प्राप्ति के बाद से ही अपनी राजनैतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जनहितों के विरूद्ध कार्य कर रही है जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में आलोचना करती है और आपसे विनम्र आग्रह करती है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेष की भावना से लिए गए इन सभी निर्णयों को तुरंत जनहित में वापिस लिया जाएए ताकि प्रदेश में विकास की अविरल धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे। अन्यथा भारतीय जनता पार्टी इन जनविरोधी निर्णयों के विरूद्ध पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी।