कॉलेज ऑफ लॉ, कालाअंब ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के लिए स्थिति और अवसर की समानता विषय पर व्याख्यान......

कॉलेज ऑफ लॉ, कालाअंब ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के लिए स्थिति और अवसर की समानता विषय पर  व्याख्यान......

अक्स न्यूज   लाइन ..नाहन, 25  सितंबर  

हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ, कालाअंब ने "सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के लिए स्थिति और अवसर की समानता: मुद्दे और चुनौतियां" विषय पर छात्रों के लिए एक व्याख्यान का आयोजन किया। सेवानिवृत्त कर्नल

अमरजीत मेहता, निदेशक प्रशासन हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशन इंस्टीट्यूशंस ने व्याख्यान दिया। इस सत्र के पीछे मुख्यउद्देश्य भारतीय सेना में महिलाओं की स्थिति और भागीदारी के बारे में चर्चा करना था। हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ के प्रिंसिपल डॉ. अश्वनी कुमार ने कहा, "महिलाओं की भूमिका भारत में सशस्त्र बलों का विस्तार हो रहा है और हरगुजरते दिन के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अब अधिक महिला अधिकारी सशस्त्र बलों में इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की राह अभी भी लंबी है लेकिन लड़ाई सही तरीके से शुरू हो गई है।

कर्नल. अमरजीत मेहता ने बताया कि महिलाएं विभिन्न कोर में प्रशासनिक और तकनीकी भूमिकाओं में सेवा दे रही हैं, लेकिन सैन्य पुलिस में उनके लिए लड़ाकू भूमिका एक नई शुरुआत है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने अंततः महिला अधिकारियों को कमांड पदों पर अनुमति देकर सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता को स्वीकार कर लिया है। महिलाओं को युद्ध सेवाओं और पर्यवेक्षी भूमिकाओं (अधिकारियों के रूप में) में अनुमति दी जाती है। भारतीय सेना में, महिला अधिकारियों (डब्ल्यूओ) को स्थायी कमीशन का अनुदान, रोजगार और पदोन्नति पहलुओं को कवर करने वाली एक लिंग-तटस्थ कैरियर प्रगति नीति 23/11/21 को प्रख्यापित की गई थी।
सत्र के दौरान उन्होंने छात्रों के साथ कई चीजों पर चर्चा की जो महिलाओं की स्थिति और अवसर की समानता से जुड़ी थी।

कुछ विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछे जिनका उत्तर वक्ता ने बहुत प्रभावी ढंग से दिया। इस अवसर पर श्री रजनीश बंसल, अध्यक्ष, हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस, उपाध्यक्ष श्री। विकास बंसल और सीईओ मन्नत बंसल ने छात्रों से बातचीत की और बताया कि हमारा संस्थान हमेशा छात्रों को इस तरह के मंच प्रदान करते हैं ताकि वे अपने ज्ञान कोबढ़ा सकें और कानून का पालन करने वाले नागरिक बन सकें।