उपायुक्त ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की प्रभावी निगरानी के लिए सुदृढ़ तंत्र विकसित करने पर जोर दिया
उपायुक्त ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की स्थापना और संचालन के लिए कड़े तथा मानकीकृत नियमों की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर समिति की ओर से संबंधित आला अधिकारियों को लिखकर आग्रह किया जाएगा, ताकि इन केंद्रों का संचालन अधिक पारदर्शी, नियंत्रित और प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जा सके।
जतिन लाल ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण और मजबूत समन्वय आवश्यक है। उन्होंने सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियमित तौर पर रिहैबिलिटेशन केंद्रों का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मेडिकल स्टोर्स के औचक निरीक्षण को भी कहा।
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक विद्यालय में नशा निवारण जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाए और अगली बैठक में उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही, अधिकृत अधिकारियों को सीओटीपीए के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान के मामलों में आवश्यक चालान कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थानों के आसपास यदि नशा संबंधित कोई गतिविधि हो, तो उसका त्वरित संज्ञान लेकर स्कूल प्रबंधन नजदीकी थाने को सूचित करे।
पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने सभी विभागों, विशेषकर स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों से नशा संबंधित गतिविधियों की जानकारी साझा करने का आग्रह किया, ताकि सप्लायर चेन तक पहुंचकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने नशा मुक्त ऊना बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया और सुरेंद्र शर्मा, एसडीएम अंब सचिन शर्मा, एसडीएम ऊना अभिषेक मित्तल, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, नगर परिषद ऊना के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





