नूरपुर पुलिस का डमटाल ऑपरेशन: 3 करोड़ की करंसी, सोना व चांदी पकड़ा, अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया के दुबई कनेक्शन हुआ खुलासा.

अक्स न्यूज लाइन काँगड़ा 17 अप्रैल:
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने मादक पदार्थों के कारोबार के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज करते हुए आज एक बड़ी सफलता हासिल की है। जिला काँगड़ा की नूरपुर पुलिस ने एक सुसंगठित अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके तार विदेशों तक, खासकर दुबई तक जुड़े पाए गए हैं। इस साहसिक कार्रवाई में पुलिस ने त्वरित गति से काम करते हुए अब तक छह मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और लगभग ₹3 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की है, जो इस गिरोह की काली कमाई का हिस्सा मानी जा रही है।
इस पूरे मामले की शुरुआत 27 अक्टूबर, 2024 को हुई, जब थाना डमटाल के अंतर्गत इन्दौरा मोड़ (राष्ट्रीय राजमार्ग-44) पर पुलिस की एक नियमित गश्त के दौरान कुलदीप सिंह नामक एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 262 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन (जिसे स्थानीय भाषा में चिट्टा भी कहा जाता है) बरामद हुई। इस गिरफ्तारी ने एक बड़ी जांच का सूत्रपात किया, जिसके परिणाम स्वरूप एक बड़े नशा तस्करी नेटवर्क का खुलासा हुआ।
प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने वैज्ञानिक और पारंपरिक तरीकों से गहन जांच शुरू की। इस पड़ताल के दौरान, पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले। परिणामस्वरूप, 8 अप्रैल, 2025 को राजेश कुमार नामक एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जिसने इस अवैध धंधे में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। जांच की गति यहीं नहीं रुकी और 13 अप्रैल, 2025 को पुलिस ने राज कुमार उर्फ सेठी को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। राज कुमार का आपराधिक इतिहास रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह संगठित तरीके से लंबे समय से नशा तस्करी में लिप्त था।
मामले की संवेदनशीलता और गिरोह की व्यापकता को देखते हुए, पुलिस ने अपनी जांच को और अधिक केंद्रित किया। 15 अप्रैल, 2025 को पुलिस ने बलविंद्र कोहली को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। बलविंद्र कोहली से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में मोहित सिंह उर्फ टोनी के आवास पर छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली, जहाँ से ₹4.90 लाख की नकद राशि, 67.93 ग्राम सोना, 95.45 ग्राम चाँदी, दो मोबाइल फोन और दो जीवन बीमा पॉलिसियाँ (जिनका कुल प्रीमियम ₹4.5 लाख था) बरामद हुईं। मोहित सिंह उर्फ टोनी इस गिरोह के प्रमुख सदस्यों में से एक माना जा रहा है।
पुलिस ने अपनी दबिशों को जारी रखते हुए अगले ही दिन, यानी 16 अप्रैल, 2025 को पठानकोट में ही गगन सरना के घर पर छापा मारा। इस कार्रवाई में पुलिस को ₹1.15 करोड़ की भारी नकद राशि, 125 ग्राम सोना और 4 ग्राम चाँदी बरामद हुई। इतनी बड़ी मात्रा में नकदी और सोने की बरामदगी से इस गिरोह की अवैध कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस पूरे नेटवर्क के मुख्य सूत्रधार मोहित सिंह उर्फ टोनी को आखिरकार आज, 17 अप्रैल, 2025 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही इस अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी गिरोह का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है।
बरामदगी का विस्तृत विवरण:
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस ऑपरेशन में अब तक जो संपत्ति और मादक पदार्थ बरामद किए हैं, उनका विस्तृत विवरण इस प्रकार है:
मादक पदार्थ: 262 ग्राम हेरोइन (चिट्टा), जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये कीमत आंकी जा रही है।कीमती धातुएँ: 92.93 ग्राम सोना और 99.45 ग्राम चाँदी, जो आरोपियों द्वारा अवैध कमाई को छुपाने के लिए खरीदे गए थे।नकद राशि: ₹1,19,90,000 (एक करोड़ उन्नीस लाख नब्बे हजार रुपये), जो नशीले पदार्थों की बिक्री से अर्जित की गई थी।संचार उपकरण: 2 मोबाइल फोन, जिनका इस्तेमाल गिरोह के सदस्य आपस में संपर्क और अवैध गतिविधियों को संचालित करने के लिए करते थे।वित्तीय निवेश: ₹4.5 लाख प्रीमियम की 2 जीवन बीमा पॉलिसियाँ, जिनमें अवैध धन का निवेश किया गया था।बैंक खाते: ₹52.52 लाख की राशि विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज कर दी गई है, जो इस गिरोह की काली कमाई का हिस्सा है।वाहन: 2 कारें (दोनों Verna मॉडल), जिनका इस्तेमाल नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता था।अन्य दस्तावेज़: संपत्ति और बैंक से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच से और भी खुलासे होने की संभावना है।आर्थिक
जांच और अंतरराष्ट्रीय संबंध:
पुलिस की गहन जांच में यह भी पाया गया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी नशीले पदार्थों की तस्करी से कमाए गए काले धन को सोने, वाहनों, बीमा पॉलिसियों और अचल संपत्ति में निवेश कर रहे थे ताकि इसे वैध दिखाया जा सके। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि बलविंद्र कोहली का पुत्र विशाल, जो कि वर्ष 2023 के एक अन्य एनडीपीएस मामले में मुख्य आरोपी था और जिसके पास से 131.14 ग्राम चिट्टा व ₹1.04 करोड़ नकद बरामद हुए थे, वर्तमान में उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से फरार है। इससे पता चलता है कि यह परिवार लंबे समय से नशा तस्करी के धंधे में लिप्त है।
इसके अतिरिक्त, प्रारंभिक जांच में इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंध भी पाए गए हैं, जिनकी कड़ियाँ दुबई तक जुड़ी हुई हैं। पुलिस इस पहलू की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क के विदेशी संपर्कों और वित्तीय लेनदेन का पता लगाया जा सके।
वर्तमान स्थिति और आगे की कार्रवाई:
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस मामले में अब तक लगभग ₹3 करोड़ की अवैध संपत्ति और नकदी जब्त कर ली है। पुलिस का कहना है कि यह तो अभी शुरुआत है और आगे की जांच में और भी संपत्तियों का पता चलने की संभावना है। पुलिस की प्राथमिकता अब जब्त की गई संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया को पूरा करना और इस गिरोह से जुड़े अन्य आर्थिक और आपराधिक कड़ियों को खंगालना है। पुलिस की टीमें इस नेटवर्क के बचे हुए सदस्यों और उनके सहयोगियों की तलाश में भी जुटी हुई हैं।
पुलिस मुख्यालय, हिमाचल प्रदेश ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस सफलता की जानकारी दी है और आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधि की सूचना मिलती है, तो वे तुरंत अपने नजदीकी पुलिस थाने में इसकी जानकारी दें। पुलिस मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस "नशे के विरुद्ध शून्य सहिष्णुता" की नीति पर दृढ़ता से काम कर रही है और इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगी। इस बड़ी सफलता से हिमाचल प्रदेश पुलिस ने नशा तस्करों को एक कड़ा संदेश दिया है कि वे कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।