जिला में चिन्हित स्थलों पर की जा सकेगी पटाखों की बिक्री व भण्डारण-जिला दण्डाधिकारी
एसडीएम से लेना होगा लाईसंेस
नाहन 18 अक्तूबर। जिला दण्डाधिकारी आर.के. गौतम ने दीपावली त्यौहार के मद्देनजर धारा-144 (1) , (2) व (3) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला में पटाखों व आतिशबाजी की बिक्री व इनका भण्डारण केवल चिन्हित स्थानों मंे ही करने के आदेश जारी किये हैं। जिला में नगर निकायों व ग्राम पंचायतों द्वारा चिन्हित स्थलों के अलावा पटाखों का भण्डारण व इनकी बिक्री नहीं की जा सकेगी। कोई भी व्यक्ति संबंधित एसडीएम से लाईसेंस प्राप्त किये बगैर पटाखे नहीं बेच सकेगा।
आदेश में कहा गया है कि आतिशबाजी अथवा पटाखों के शैड गैर ज्वलनशील सामग्री से निर्मित होने चाहिए जिनमंे किसी अनाधिकृत व्यक्ति की सुगम आवाजाही अथवा आसान पहुंच न हो सके। आपस में ये शैड कम से कम तीन मीटर की दूरी पर तथा किसी संरक्षित कार्य से 50 मीटर की दूरी पर होने चाहिए। शैड आमने-सामने भी नहीं होने चाहिए। किसी प्रकार के जलते हुए दीपक, गैस दीपक इत्यादि को शेड के अंदर अथवा सुरक्षित क्षेत्र के अंदर प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। शेड में रोशनी की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। एक कलस्टर में 50 से अधिक दुकानों की अनुमति नहीं होगी।
जिला दण्डाधिकारी के अुनसार पटाखों की दुकान अथवा स्टॉल मंे पर्याप्त पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। दुकानें वाहन योग्य सड़क से 6 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए। दुकान के उपर से बिजली क खम्भे अथवा अन्य बाधाएं नहीं होनी चाहिए जिससे आगजनी से निपटने में किसी प्रकार की कठिनाई आती हो।
पटाखों की बिक्री के लिये क्षेत्र को अधिसूचित करने से पूर्व स्थानीय अग्निशमन अधिकारी की सहमति लेनी जरूरी है। पटाखों का प्रयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के बीच प्रतिबंधित रहेगा। साईलेंस जोन जो अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, न्यायालय तथा धार्मिक स्थलों के 100 मीटर दायरे के अंदर भी पटाखों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। खतरनाक बाम्ब, रॉकेट तथा तेजी से फटने वाले पटाखों का प्रयोग भी वर्जित रहेगा।
आदेश में कहा गया है कि पटाखा निर्माता तथा बिक्रेता प्रत्येक बॉक्स में रासायनिक मात्रा का विवरण विस्फोटक से संबंधित विभाग को प्रस्तुत करेगा। आयातित पटाखों का भण्डारण व बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा।
ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे तथा 25 अक्तूबर 2022 तक प्रभावी रहेंगे।