अक्स न्यूज लाइन शिमला 27 नवम्बर :
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में पत्रकार वार्ता में वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि सुक्खू सरकार अपने 2 वर्ष का कार्यकाल लड़खड़ाते, गिरते हुए पूरा कर रही है। पूरा प्रदेश हैरान और परेशान है कि इस 2 साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार ने प्रदेश को 20 साल पीछे धकेल दिया है। देश के इतिहास की यह अब तक की सबसे निकम्मी सरकार है। सुक्खू सरकार के 2 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष को भी इसकी जानकारी नहीं है यह साफ दिखता है कि सरकार और संगठन में ताल मेल नहीं है। सबसे हैरानी की बात है कि सरकार दो साल का जश्न मनाने की बात कर रही है, सवाल यह है कि इतनी नाकामी का जश्न भी कैसे मनाया जा सकता है। यह पहली ऐसी सरकार है, जिसे कांग्रेस के आलाकमान ने पहले साल ही नकार दिया था। सुक्खू सरकार के पहले साल के जश्न में कांग्रेस की सर्वेसर्वा प्रियंका गांधी शिमला में थी और जश्न में शामिल नहीं हुई थी। अच्छी बात यह है कि उन्होंने सरकार की नाकामी को जश्न के लायक नहीं समझा था।
कांग्रेस सरकार को 2 साल की उपलब्धियां गिनने की आवश्यकता है। उनकी उपलब्धियां कुछ इस प्रकार है। सरकार बहुमत में होने के बावजूद राज्यसभा सीट हारना, लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री, मंत्री, सीपीएस का अपने हलके में हार जाना। उपचुनाव में भाजपा का 25 सीटों से 28 पर पहुंच जाना। अपनी गारंटियों से मुँह मोड़ लेना। सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में 300 यूनिट बिजली मुफ्त ना देना और 125 यूनिट बिजली बंद कर देना, 18 से 60 साल की महिलाओं को ₹1500 ना देना, युवाओं को रोजगार न देना उल्टा डेढ़ लाख पदों को समाप्त कर देना, गोबर दूध और युवाओं के लिए स्टार्टअप फंड उपलब्ध न करना। देश भर में जाकर हिमाचल में गारंटी पूरा करने का झूठ बोलना। जिससे कारण देश भर में कांग्रेस को नकार दिया जाना। चाहे वह पड़ोस का राज्य हरियाणा हो या महाराष्ट्र। मुख्यमंत्री तो बिना सोचे समझे फैसले लेते हैं और उनको वापस भी ले लेते हैं। पूरे देश में हिमाचल प्रदेश हंसी का पात्र बन गया है और आप अपनी कैबिनेट और मंत्रियों के माध्यम से केवल स्पष्टीकरण है देते फिर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में चल रहे चिंता के 6 विषय गिनाए जिसमें एक कंपनी के 64 करोड़ देने के बदले हिमाचल भवन को गिरवी रख दिया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वह कंपनी तो लिखित में सरकार के पक्ष में ब्याज राशि भी छोड़ने को तैयार थी पर सरकार सोई रही। यह सरकार की नाकामी है। अदानी के केस में हमारी सरकार के समय भी सिंगल बेच का फैसला हमारे विपरीत आया था। हमारी सरकार ने उसके खिलाफ डबल बेंच में रिवीजन याचिका डाली और बाद में सरकार के हक में वह फैसला आया। सरकार अपने सीपीएस को बचाने के लिए अभी तक 6 करोड़ का खर्च कर चुकी है और अब तो सुप्रीम कोर्ट में एक पेशी के 3 करोड रुपए दे रहे हैं, साथ ही आपके वकील भी स्टेट गेस्ट होते हैं। पर्यटन विभाग के 18 होटल बंद हो गए और हमने आप पर आरोप लगाया कि इनको बेचने की साजिश शुरू हो गई है, उप मुख्यमंत्री कुछ और कहते हैं लगता है आप तो आपके मंत्रिमंडल के साथ भी तालमेल समाप्त हो गया है। क्या इन होटल में केवल ऑक्युपेंसी ही एक मापदंड होता है, क्या होटलों में किसी अन्य कार्यों से इनकम नहीं होती क्या। ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायालय की आड़ में आप चोरी के रास्ते से इन होटल को बेचने का प्रयास कर रहे थे।
कर्मचारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने के उपरांत आप उनको नोटिस देते हैं और प्रिविलेज मोशन भी लाते हैं, मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास करते हैं मीडिया घरों पर एक ई आर एवं कार्यवाही करते हैं। इस सरकार ने हिमाचल ऑन सेल के फट्टे लगा दिए हैं, यह हिमाचल ऑन सेल की शुरुआत है। जिन अधिकारियों का विरोध सुक्खू जी करते रहे सत्ता में आते ही सरकार का संचालन आपने उनके हाथ में दे दिया ऐसी क्या मजबूरियां रही, यह सरकार मजबूर सरकार है।आप खनन का विरोध करते रहे और खनन को संरक्षण अपने ही दिया और जिन लोगों की ई डी में गिरफ्तारियां हुई वह लोग भी सरकार के करीबी माने जाते हैं।
जयराम सरकार ने इस सरकार को फैसला पलटने वाली सरकार का खिताब दिया और ऐसे 10 फैसले भी गिनाए जिसमें टॉयलेट टैक्स, लगेज टैक्स, क्रेशर की अधिसूचना, वन मित्र इंटरव्यू, गेस्ट टीचर पॉलिसी का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि यह सरकार दो कदम आगे लेती है तो चार कदम पीछे चलती है यह सरकार विकास विरोधी और झूठ बोलने वाली सरकार है। इस सरकार में न पेंशन समय पर, ना सैलरी समय पर मिलती है और अब तो 90000 करोड़ लोन का आंकड़ा भी सरकार ने पर कर लिया है। जयराम सरकार ने सुक्खू सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार का उद्देश्य होली लॉज मुक्त कांग्रेस है। इस सरकार के मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री भी मजबूर मंत्री बन के रह गए हैं। सरकार पर भ्रष्टाचारी और अराजकतत्वों का बोलबाला है।