अक्स न्यूज लाइन शिमला 15 जुलाई :
भाजपा संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं विधायक सुखराम चौधरी ने कहा की कर्ज के मामले में सरकार पूरी तरह दोषी पाई गई है। उन्होंने कहा की सरकार सदन में ऋण पर श्वेत पत्र लाई और इसी के माध्यम से सच्चाई दुनिया के सामने आ गई कि प्रदेश में कर्जा कांग्रेस सरकारों की देन है और फिर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने धनाधन कर्ज पे कर्ज लेना शुरू कर दिया। विकास बंद कर्जा शुरू भाजपा ने अपना दायित्व निभाते हुए लगातार इस मुददे को जन मानस तक पहुंचाया और अब 18 महीने की सरकार लगभग 30000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस प्रकार 6 महीने में दो झूठ जनता के सामने परोसे गए। सड़के, बिजली, पानी, विकास कार्य आदी बन्द । स्कूल, कालेज़ अस्पताल, प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र, दफतर बन्द केवर कर्ज आपार।
चौधरी ने कहा की हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार फिर से कर्ज का घी पीने की तैयारी कर रही है और निरंतर घी पी रही है। उपचुनाव में वोटिंग खत्म होते ही कर्ज उठाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और राज्य सरकार 500 करोड़ रुपये का लोन ले लिए। केवल जुलाई महीने के 500 करोड़ रुपये मिलाकर ये 3400 करोड़ रुपये हो जाएगा। एक महीने में इतना कर्ज लेना आपने आप में ही बड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा किया सरकार लोन लेकर प्रदेश का केवल सामान्य खर्च पूरा करने का प्रयास कर रही है, सवाल यह है की सरकार कर्मचारियों को कहां से देंगे एरियर व डीए। हिमाचल प्रदेश बुरी तरह से डेब्ट ट्रैप में फंस चुका है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन व पेंशन पर खर्च निरंतर बढ़ रहा है, राज्य सरकार को नए वेतन आयोग के बकाया बचे एरियर के भुगतान के लिए 9000 करोड़ रुपये चाहिए। आलम ये है कि सेवानिवृत हो रहे कर्मचारी व पेंशनर्स भी अपने फाइनेंशियल ड्यूज के लिए हाईकोर्ट जा रहे हैं। अदालतों से राज्य सरकार को निरंतर कई मामलों में एरियर व पेंशनर्स के बकाया भुगतान के लिए आदेश जारी हो रहे हैं। यही नहीं, भुगतान मय ब्याज यानी ब्याज सहित करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं. ऐसे में सरकार का वित्तीय संकट और गहरा हो रहा है। हाल ही में एक केस में राज्य सरकार ने जब हाईकोर्ट में खराब वित्तीय संकट का हवाला दिया तो अदालत ने दो-टूक कहा कि जैसे भी हो, भुगतान करना ही होगा।