कोरोना वैक्सीन के दो सैंपल फेल वैक्सीन के संबंधित बैच बाजार में उतारने पर रोक
देश में कोरोना वैक्सीन के दो सैंपल फेल होने से समूचे फार्मा जगत में हड़कंप मच गया है। बताते है कि उक्त वैक्सीन मानकों पर खरी नहीं उतरी , जिसके चलते इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। जानकारी के मुताबिक सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री ( सीडीएल ) कसौली में उक्त कोरोना वैक्सीन की जांच की गई लेकिन जांच के दौरान दो सैंपल फेल हो गए , जिससे जहां पूरे फार्मा जगत में हड़कंप मच गया है।
वहीं उक्त वैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी भी सवालों के घेरे में आ गई है। यही नहीं कोरोना के वैक्सीन के सैंपल फेल होने से जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगाई है उनमें भी डर का माहौल पैदा हो गया है कि कहीं जो वैक्सीन उन्हें लगी है वह भी निम्न स्तर की ना हो अथवा नकली ना हो। जानकारी के मुताबिक सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने वैक्सीन के संबंधित बैच बाजार में उतारने पर रोक लगा दी है।
सैंपल फेल होने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। कंपनी को वैक्सीन के सैंपल फेल होने के बाद नोटिस जारी कर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। अब तक देश में कोरोना वैक्सीन के पांच सैंपल हुए फेल हो चुके हैं, जिन्हें सीडीएल ने ग्रीन टिक नहीं दिया। गौर रहे कि देशभर में तैयार करने समेत आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले उसकी क्वालिटी और कंट्रोल चेक किया जाता है।
इसके लिए देशभर से बैच सीडीएल कसौली जांच के लिए आते हैं। जांच के बाद सैंपल सही पाए जाने के बाद सीडीएल बैच को ग्रीन टिक देता है। इसके बाद वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बैच बाजार में उतारती हैं। सीडीएल कसौली ने अभी तक कोविशील्ड , को-वैक्सीन, स्पूतनिक-वी, जॉनसन एंड जॉनसन, कोर्बीवैैक्स, जायडस कैडिला, जायकॉव-डी, मोर्डना और कौवा वैक्स समेत 12 से 15, 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन को जांच के बाद पास किया है।