कल राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की साक्षी होगी पूरी दुनिया : जयराम

कल राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की साक्षी होगी पूरी दुनिया : जयराम

अक़्स न्यूज लाइन, मंडी -21 जनवरी 
 नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सोमवार को वह ऐतिहासिक दिन है जिसका इंतज़ार सैकड़ों करोड़ लोग पांच सौ वर्षों से कर रहे हैं। संघर्षों और बलिदानों का यह दौर राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का के सुखद रूप में सामने आ रहा है। इस अंतहीन संघर्ष के सभी बलिदानियों को मेरा नमन। राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव समूचे विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस शिमला के लोअर बाज़ार स्थित राम मंदिर से इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होने वाला है। भारत ही नहीं पूरी दुनिया में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अद्भुत उत्साह देखा जा रहा है। कल पूरी दुनिया में दीवाली जैसा माहौल होगा। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ने व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया था। लेकिन आज जो हालात हैं ऐसे व्यवस्था परिवर्तन की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। एक साल की सरकार में कांग्रेस की जो हालत हो गई है आज के पहले किसी की नहीं हुई थी। जनता की समस्या सुनने गये मंत्री और उपमुख्यमंत्री अधिकारियों को धमका रहे हैं, अमर्यादापूर्ण भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। अपनी नाकामी की खीज इस तरह से अधिकारियों पर निकालना ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल है, लोगों में अलोकप्रियता का आलम यह है कि कांग्रेस के नेताओं का लोगों के बीच जाना मुश्किल हो गया है। झूठी गारंटी और मात्रा शक्ति को 1500 रुपए देने के फॉर्म भरवा चुके नेता और कार्यकर्ता अब उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहे हैं। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम चला रही है लेकिन युवाओं की आवाज़ ही नहीं सुन रही है। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नौकरियों के परिणाम जारी नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पहले मंत्रियों को मनाओं और अपना दुखड़ा सुनाओ जबकि मंत्री युवाओं को मंच से भगा दे रहे हैं। मंत्री और उनके ख़ास लोगों द्वारा युवाओं साथ अभद्रता की जा रही है। मंत्री रिज़ल्ट जारी करने की मांग करने पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की धमकी दे रहे हैं। क्या युवाओं से लेकर अधिकारियों को धमकाकर सरकार चलाई जाएगी। क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात सरकार द्वारा की गई थी, जहां सरकार लोगों को संतुष्ट करने बजाय भयभीत करे।