मॉक ड्रिल में आपदा मित्रों ने भी लिया बढ़चढ़ कर भाग
जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया की।
आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न सरकारी एजेंसियों को सक्रिय करने के साथ साथ राहत बचाव कार्यों में सामाजिक सहभागिता भी सुनिश्चित की। इस दौरान जिले में चिन्हित 5 स्थलों पर बाढ़, भू-स्खलन, औद्योगिक आपदा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर राहत-बचाव कार्य किए गए। इनमें प्रशिक्षित आपदा मित्रों ने भी पूरी सक्रियता से भाग लिया।
अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि मॉक ड्रिल में आपदा मित्रों को सम्मिलित कर समन्वय और तत्काल प्रतिक्रिया को लेकर अभ्यास किया गया। उन्होंने कहा कि आपदा के तुरंत बाद, स्थानीय नागरिक सबसे पहले प्रतिक्रिया देकर स्थिति को संभाल सकते हैं। उनके पास इलाके का बेहतर जानकारी होती है, जो खोज और बचाव कार्यों में बहुत सहायक रहती है। इस नजरिए से जिले में आपदा मित्र प्रशिक्षित किए गए हैं। उन्हें प्रशासन ने आपदा प्रबंधन से जुड़ा साजो सामान भी दिया है।