जिले की सभी औद्योगिक इकाइयों और संस्थानों को अधिक से अधिक अप्रेंटिस नियुक्त करने के निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि अप्रेंटिसशिप योजना युवाओं के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण का सशक्त माध्यम है। जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलते हैं। उन्होंने जिले की सभी औद्योगिक इकाइयों और संस्थानों को अधिक से अधिक अप्रेंटिस नियुक्त करने और योजना के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभाने का निर्देश दिया।उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी युवाओं तक पहुँचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, जिन सरकारी और निजी इकाइयों ने अभी तक योजना के तहत अप्रेंटिस नियुक्त नहीं किए हैं, उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
उपायुक्त ने अप्रेंटिसों के मासिक स्टाइपेंड में संशोधित दरों को लागू करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 3 सितम्बर को जारी अधिसूचना के अनुसार कक्षा 5 से 9 पास उम्मीदवारों का स्टाइपेंड 5000 रुपये से बढ़कर 6800 रुपये प्रति माह किया गया है। कक्षा 10 पास उम्मीदवारों के लिए यह राशि 6000 रुपये से बढ़कर 8200 रुपये प्रति माह हुई है। आईटीआई और कक्षा 12 पास उम्मीदवारों के लिए स्टाइपेंड 7000 रुपये से बढ़कर 9600 रुपये प्रति माह कर दी गई है। तकनीकी या व्यावसायिक डिप्लोमा धारकों के लिए स्टाइपेंड 8000 रुपये से बढ़कर 10,900 रुपये प्रति माह और स्नातक पास उम्मीदवारों के लिए यह 9000 रुपये से बढ़कर 12,300 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया है।
असिसटेंट अप्रेंटिसशिप अडवाइज़र एवं प्रधानाचार्य आईटीआई मंडी रविन्द्र सिंह बनयाल ने जिले में अप्रेंटिसशिप की प्रगति प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मंडी जिले में कुल 221 अप्रेंटिस कार्यरत हैं, जिनमें अधिकांश आईटीआई पास आउट हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेंटिस की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैठक में जिला के विभिन्न सरकारी विभागों, निजी औद्योगिक इकाइयों, शिक्षण संस्थानों और आईटीआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।