उपायुक्त की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा विभाग की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
उपायुक्त ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि खाद्य व्यवसाय संचालक समाचार पत्र या किसी अन्य प्रकार की प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री का प्रयोग न करें जो खाद्य ग्रेड गुणवत्ता की न हो। साथ ही विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा बाल देखभाल संस्थानों में निरीक्षण एवं आईईसी गतिविधियां बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
राहुल कुमार ने खाद्य सुरक्षा विभाग बिलासपुर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सभी पात्र खाद्य व्यवसाय संचालकों को बार-बार खाद्य तेल को इस्तेमाल न करने के लिए शुरू की गई आरयूसीओ पहल के अंतर्गत शामिल किया जाए। उन्हें यह भी जागरूक किया जाए कि मानव उपभोग हेतु अनुपयुक्त तेल कंपनी द्वारा पुनः क्रय किया जाएगा। साथ ही अपील की कि खाद्य व्यवसाय संचालन एक ही तेल का प्रयोग तलने के लिए तीन बार से अधिक न करें। बैठक में उपायुक्त ने दिसंबर 2025 में एक मैराथन कार्यक्रम आयोजित करने को भी कहा, जिसमें शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास (आईसीडीएस) और खाद्य आपूर्ति विभाग की सक्रिय भागीदारी रहे।
सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) महेश कश्यप ने बैठक में जानकारी दी कि जिला में 7048 पंजीकरण और 409 लाइसेंस सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 111 सैंपल लिए गए, जिनमें से 6 सैंपल खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। इस पर 15 मामलों में कुल 9 लाख 39 हजार 500 रूपये का जुर्माना लगाया गया है। बैठक में डीएसपी मदन लाल, डीएफएससी बृजेन्द्र पठानिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) हरीश मिश्रा, डॉ. कंचन बाला, खगेंद्र सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनी कुमारी, रीतू बाला, रेनूका तथा दीपक शर्मा उपस्थित रहे।





