उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने शुक्रवार को एकीकृत महिला पुनर्वास केंद्र भुंतर की प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भुंतर स्थित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में 27 लाख 61 हज़ार की लागत से ओपीडी भवन का निर्माण किया जा गया है। उन्होंने इस भवन में ओपीडी सेवाए को शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए ताकि यहां आने वाले मरीजो को ओर बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके।
उपायुक्त ने यहां पर सफाई कर्मचारियों सहित आवश्यक स्टाफ की तैनाती करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए तथा पुरुष नशा मुक्ति केंद्र में भी मरम्मत सहित बाउंड्री वाल की भी मरम्मत करने के निर्देश दिये।
उपायुक्त ने यहां पर बालीवाल कोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए ताकि रोगियों के लिए खेलने की भी व्यवस्था हो सके।
उन्होंने वर्षा में जल भराव की समस्या से निपटने के लिए परिसर तथा मुख्य निकासी के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मनोवेज्ञानिक का पद भरने के लिए आवश्यक योग्यता को स्नातकोत्तर स्तर कि निश्चित किया जाए तथा रोगियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसे कि बुनाई , ब्यूटीशियन, एम्ब्रोइडरी आदी का प्रशिक्षण भी साथ में दिया जाए।
उपायुक्त ने पहला एकीकृत नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र (आईडीपीआरसी) स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन को प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार 2024 से सम्मानित किए जाने पर पूरी टीम को बधाई भी दी । राज्य में महिलाओं में बढ़ती नशे की समस्या के समाधान के लिए जिला रेड क्रॉस सोसाइटी (आरसीएस) द्वारा यह पहल की गई थी।
उपायुक्त ने पुलिस विभाग से भी जिले के राफ्टिंग तथा पैराग्लाइडिंग स्थानों पर समय समय पर ड्रग टेस्ट करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने समाज में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों , पंचायतों के साथ समाज के सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ भी कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि लोगों में इस बात की जागृति की आवश्यकता है कि नशे से ग्रसित लोगों को एक मरीज की तरह समझना चाहिए। इसके लिए मरीजों को नशे की बीमारी से बाहर निकालने के लिए उपचार ही एकमात्र विकल्प है तथा रेडक्रॉस के अंतर्गत कुल्लू जिले में जिला नशे की रुग्णता से ग्रस्त महिलाओं के लिए इरका केंद्र संचालित किया जा रहा हैं।
बैठक की कार्यवाही का संचालन रेडक्रॉस समिति के सचिव विनोद कुमार मोदगिल ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा नशे के दुष्प्रभाव के बारे जागरूक करने तथा नशे की आदत छुड़ाने के लिए इलाज के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं ओर नशे की आदत से पीड़ित रोगी उपचार के लिए नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्र में आ रहे हैं।
बैठक में सहायक आयुक्त शशिपाल नेगी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नागराज पवार, डॉ सत्यव्रत वैद, डीएसपी राजेश कुमार, जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा, व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।