अक्स न्यूज लाइन शिमला 21 नवंबर :
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में सरकार का रवैया पूर्णतः तानाशाही रूप ले चुका है। प्रदेश में आपातकाल जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न कर दी गई हैं, जहाँ निर्णय केवल मुख्यमंत्री और उनके निकट सहयोगियों की एकतरफा सोच के आधार पर लिए जा रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है।
उन्होंने कहा कि पंचायतीराज चुनावों का समय पर आयोजन लोकतंत्र की मूल भावना है, लेकिन प्रदेश सरकार जानबूझकर चुनावों को टालने का प्रयास कर रही है, जबकि चुनाव आयोग स्पष्ट रूप से चाहता है कि चुनाव समय पर करवाए जाएँ। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने अधिकारियों को चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने से रोका, ताकि आयोग को आवश्यक जानकारी न मिल पाए। जब चुनाव आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के क्लॉज 12.1 का हवाला दिया, तब सरकार के वरिष्ठ अधिकारी अचानक आयोग के कार्यालय पहुँच गए, जो सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
भारद्वाज ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम साफ दर्शाता है कि प्रदेश में संवैधानिक संकट जैसी स्थिति पैदा हो गई है। निर्णय एक व्यक्ति की मनमानी पर आधारित हैं, जो प्रदेश हित में नहीं है। कई बार विभागों और चुनाव आयोग के बीच हुई आधिकारिक पत्राचार भी सार्वजनिक हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकारी अधिकारी पंचायतीराज चुनाव रोकने की दिशा में प्रयासरत हैं, जबकि चुनाव आयोग तटस्थ रूप से चुनाव करवाने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा कि पंचायतें प्रदेश की प्रगति और विकास की नींव होती हैं। यदि सरकार अपनी राजनीतिक मंशा के चलते पंचायतीराज चुनावों को टालना चाहती है, तो यह लोकतंत्र का अपमान है। जनता का वोट देने का अधिकार सर्वोपरि है। पंचायत सीमांकन को लेकर भी अनेक विवाद सामने आए हैं, जो सरकार और स्थानीय नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी को उजागर करते हैं।
आज चुनाव आयोग के अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात कर चुनावी परिस्थितियों और मंत्रियों व मुख्यमंत्री के व्यवहार के संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त की। इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार नकारात्मक सोच और गैर-लोकतांत्रिक रवैये के साथ काम कर रही है।
सांदीपनि भारद्वाज ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी और पंचायतीराज चुनावों को समय पर करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।