शिलाई-रेणुका से निर्वाचित कांग्रेसी विधायकों को अब अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए - दलित शोषण मुक्ति मंच ने लगाई गुहार

शिलाई-रेणुका से निर्वाचित कांग्रेसी विधायकों को अब अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए - दलित शोषण मुक्ति मंच ने लगाई गुहार

नाहन,18 दिसंबर  दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर के संयोजक आशीष कुमार एंव सतपाल मान समेत जिला कमेटी सदस्य लायक राम, अमर चंद व नैन सिंह ने जारी एक प्रेस बयान में कहा कि अभी हाल ही लोक सभा में  जिला सिरमौर की 154 पंचायतों को जनजातीय क्षेत्र का बिल लोकसभा में रखा जिस पर चर्चा के दौरान स्थानीय सांसद ने इस बिल पर अपना वक्तव्य रखते हुए इस बिल का समर्थन किया ।  दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने कही कि मंच कभी भी इस बिल के विरोध में नहीं है बल्कि अनुसचित जाति वर्ग को संरक्षण प्रदान करने वाले कानूनों की रक्षा के पक्ष में है। दलित शोषण मुक्ति मंच ने ही सर्व प्रथम जनजातीय क्षेत्र घोषित होने से अनुसचित जाति वर्ग के हितों पर पडऩे वाले प्रभाव को उजागर किया था कि किस प्रकार यदि ये जनजातीय क्षेत्र हर पहलू पर चर्चा किये बिना पास हो जाता है  तो इसका सीधा प्रभाव अनुसचित जाति वर्ग को संरक्षण देने वाले एट्रोसिटी एक्ट पर पड़ेगा। क्योंकि जिला सिरमौर की इन 154 पंचायतों में एट्रोसिटी की घटनाएं सबसे ज़्यादा है। जिसके सरकारी आंकड़े भी दलित शोषण मुक्ति मंच केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और सामाजिक न्याय मंत्रालय में मंत्री रामदास अठावले और जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा के समक्ष रख चुके है। आशीष कुमार ने कहा कि सबसे ज़्यादा दु:ख इस बात है कि दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस मुद्दे को हर स्तर पर लडऩे की कोशिश की परन्तु आज कि सी भी पार्टी जिनका लोकसभा और राज्य सभा मे सांसदों का संख्या बल है इस मुद्दे को नही उठाया है।  आशीष कुमार ने कहा कि इस मुद्दे के सम्बंध में जिला में बड़े बड़े विरोध प्रदर्शन हो चुके है। परन्तु न उस समय की मौजूदा सरकार का और न ही उस समय विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसमें हस्तक्षेप किया। परन्तु आज जिला सिरमौर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के कई विधायक जीत कर आये हैं। परन्तु सच्चाई ये है कि सत्ता में आने के लिए कांग्रेस के विधायक भी दोहरे मानदंड अपना रहे है और सीधे रूप से इसमें कुछ कहने से बचते है। हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पूर्व पिछले सत्र के दौरान दलित शोषण मुक्ति मंच ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से इस बाबत भेंट करनी चाही परन्तु उनके कार्यालय से इस मुद्दे पर उनसे मिलने के लिए समय देने से ही मना कर दिया  जोकि कांग्रेस भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है । इस विषय पर नाहन में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से भी बात चीत हुई थी जिसका उन्होंने आश्वासन भी दिया परन्तु उसके कोई सार्थक परिणाम नही आये।
जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अभी हाल ही में रेणुका विधानसभा क्षेत्र से जीते विनय कुमार और शिलाई से जीते विधायक  हर्षवर्धन चौहान को अनुसूचित जाति वर्ग के हितों और अधिकारों को बचाने के लिए राज्य सभा मे कांग्रेस के सांसदों से ये मुद्दा उठवाना चाहिए। इसके साथ ही दोनों विधायकों को अनुसूचित जाति वर्ग के हितों की रक्षा के लिए इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए।