थर्ड लेवल ट्रामा सेंटर के लिए हामी नहीं भरी सरकार ने...... सेकंड लेवल ट्रामा सेंट्रर सालों बीत जाने के बाद शुरू नहीं हुआ

थर्ड लेवल ट्रामा सेंटर के लिए हामी नहीं भरी सरकार ने......  सेकंड लेवल ट्रामा सेंट्रर सालों बीत जाने के बाद शुरू नहीं हुआ

अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 16 मार्च 2023
मेडिकल प्रबंधन को पिछले कई सालों से अवव्यवस्था के आलम से गुजरना पड़ रहा है।  पूर्व में जब यह संस्थान क्षेत्रीय अस्पताल के तौर पर काम कर रहा था तो सरकार ने ऐमरजैंसी में आने वाले रोगियों का तत्काल इलाज मिले इसके लिए सैैंकंड लेवल ट्रामा सेंटर मरीजों के लिए आपात स्थिति में सुविधा प्राप्त करने के लिए स्वीकृत किया था। इस बीच कुछ साल बाद क्षेत्रीय अस्पताल को अपग्रेड करके मेडिकल कॉलेज बना दिया गया इसके बाद प्रबंधन ने सरकार को मेडिकल कॉलेज के नजरिए से से यहां आने वाले भारी संख्या में मरीजों को तत्काल आपात सुविधाएं प्रदान करने के लिए थर्ड लेवल ट्रामा सेंटर का दर्जा देने का अनुरोध किया था। 
कॉलेज प्रबंधन ने वर्ष 2017 में में स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र लिखकर थर्ड लेवल ट्रामा सेंटर अप्रुव करने का अनुरोध किया लेकिन आला अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और यह कहकर फ ाइल टर्न डाउन कर दी वर्तमान में कॉलेज में सेकंड लेवल ट्रामा सेंटर काफी रहेगा। हैरानी की बात है कि पिछले 6 सालों में मेडिकल कॉलेज में सेकंड लेवल ट्रामा सेंटर भी नही खुल पाया और ना ही इसके लिए अभी तक जगह का चयन हुआ। प्रबंधन भविष्य में बनने वाली 
अस्पताल की बहुमंजिला इमारत का इंतजार कर रहा है ताकि वर्तमान में यहां सैंकंड लेवल ट्रामा सेंटर शुरू किया जा सके। पिछले कई सालों से मेडिकल कॉलेज में के अस्पताल में चलाई जा रही कैजुअल्टी वार्ड में ही मरीजों को आपातकालीन इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। भारी संख्या में आने वाले मरीजों का इलाज एमरजैंसी में जैसे कैसे किया जा रहा है। मामूली सी जगह व सीमित साधनों के चलते मेडिकल स्टाफ  सेवाएं दे रहा है। लेकिन  मरीजों की परेशानी कम नहीं है। 
- वर्ष 2017 में सरकार को पत्र लिखकर मेडिकल कॉलेज के लिए पूर्व में स्वीकृत सेकंड लेवल ट्रामा सेंटर को थर्ड लेवल में अपग्रेड करने के लिए अनुरोध किया गया था। लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली फि लहाल सैंकंड लेवल अस्तित्व में नहीं है। भविष्य में अस्पताल की असुविधा रोगियों को उपलब्ध हो सकेगी। आपात स्थिति में आने वाले रोगियों का इलाज फिलहाल अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में किया जा रहा है।  
-डा.श्याम कोशिक, प्रिंसिपल  मेडिकल कॉलेज