व्यय रजिस्टर का शैडो आब्जर्वेशन रजिस्टर से मिलान जरूरी: व्यय पर्यवेक्षक
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनावों में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 95 लाख रुपये से अधिक की राशि व्यय करने पर प्रत्याशी के विजयी होने पर भी उसकी सदस्यता जा सकती है तथा विस उपचुनाव के लिए 40 लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई है इसलिए सभी प्रत्याशी निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर ही प्रचार पर धनराशि व्यय करें। उनके चुनावी व्यय की निगरानी के लिए वीडियो सर्विलेंस टीमें लगातार नजर रख रहीं हैं। शैडो आवजरवेशन रजिस्टर पर उनके सारे खर्चे की गणना की जा रही है। व्यय एजेंट 23 और 28 मई को व्यय पर्यवेक्षक से व्यय रजिस्टरों की जांच अवश्य करवा लें और शंका होने पर दूर कर लें। उन्होंने बताया कि व्यय रजिस्टर का मिलान शैडो आब्जर्वैशन रजिस्टर से नहीं होता है तो प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा।
बैठक में एडीसी एवं नोडल अधिकारी सौरभ जस्सल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के व्यय एजेंट उपस्थित थे।