वित्तीय संसाधन जुटाएंगे, प्रदेश को आत्मनिर्भर भी बनाएंगेः मुख्यमंत्री
इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला ऊना में यह दूसरी सौर ऊर्जा परियोजना है तथा इससे पहले पेखूबेला में भी 32 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना रिकॉर्ड छह महीने में तैयार की गई है। पेखूबेला परियोजना से राज्य सरकार को प्रति वर्ष 20 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विद्युत सरप्लस राज्य होने के बावजूद अक्तूबर से मार्च महीने तक बिजली खुले बाजार से खरीदता है जिस पर लगभग 1500 करोड़ रुपए व्यय किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों में पानी कम होने की वजह से जलविद्युत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन कम हो जाता है, जिस कारण राज्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाजार से बिजली खरीदनी पड़ती है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए ऑयल इंडिया कम्पनी के साथ समझौता किया है और सौर ऊर्जा के दोहन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निजी क्षेत्र में भी सौर ऊर्जा दोहन को बढ़ावा दे रही है और एक वर्ष में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा के दोहन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और सौर ऊर्जा का दोहन इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जल विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत रॉयल्टी मिल रही है, जो कि बेहद कम है। उन्होंने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) अघलौर में सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करना चाहती थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे स्वयं संचालित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है और हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जो राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में पिछली भाजपा सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों का संरक्षण करने में असफल रही। इसके विपरीत वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के संसाधनों का सर्वोत्तम दोहन कर इनका संवर्द्धन भी सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रदेशवासियों के लिए अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और दूरदर्शी निर्णयों से एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश को 2200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है और इस धनराशि का उपयोग कर प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनायी जा रही हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया और महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत महिलाओं को प्रतिवर्ष 18000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक षडयंत्र के तहत लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया, लेकिन प्रदेश के लोगों ने धन-बल की राजनीति को नकार दिया है और हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। उन्होंने कहा कि कि निर्दलीय विधायकों से लोग सवाल पूछ रहे हैं कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। अगर उनके काम कांग्रेस सरकार में नहीं हो रहे थे तो वह भाजपा के साथ बैठ जाते, लेकिन दोबारा चुनाव लड़ने और प्रदेश पर उप चुनाव का खर्च थोपने की क्या आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के साथ षडयंत्र रचा पर भाजपा को उन पर विश्वास नहीं था इसलिए तीनों निर्दलीय विधायकों को दोबारा चुनाव लड़ने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता निर्दलीय विधायकों को उप चुनाव में सबक सिखाएगी क्योंकि विपक्ष में बिठाने के लिए जनता वोट नहीं देती।
मुख्यमंत्री ने कुटलैहड़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विवेक शर्मा को निर्वाचित करने के लिए क्षेत्र के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे ईमानदारी से क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इस अवसर पर स्थानीय विधायक विवेक शर्मा ने मुख्यमंत्री का कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में स्वागत किया। उन्होंने 10 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विजय डोगरा, उपायुक्त जतिन लाल, निदेशक वित्त शिवम प्रताप सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।