हमारी भी सुनो सरकार......... सिरमौर के देवना गांव के लोगों लोक निर्माण मंत्री से लगाई से गुहार पूछा सड़क कब बनेगी हमारे गांव......

हमारी भी सुनो सरकार......... सिरमौर के देवना गांव के  लोगों लोक निर्माण मंत्री से लगाई से गुहार पूछा सड़क कब  बनेगी हमारे गांव......

 अक्स न्यूज   लाइन ..नाहन  02 जुलाई  - 2023

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर सूबे  खस्ताहाल सडक़ों को लेकर जैसे ही लोगों को व्हाट्स ऐप पर सूचना देने का आह्वान के बाद राज्य में शिकायतों का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में सिरमौर के नौहराधार क्षेत्र के देवना गांव की में सड़क न बनने के कारण ग्रामीण सिस्टम क ी अनदेखी से जो आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद जो दयनीय जीवन जी रहे है की एक  तस्वीर सरकार की बन्द आंखें खोलने वाली रिपोर्ट ग्रामीणों ने भेजी है। ग्रामीणों का आरोप है  21वीं सदी में जब देश आजादी के 75 वर्ष मना रहा है ऐसे में अभी भी सिरमौर जिला के दूरदराज के कुछ गांव ऐसे हैं जहां आज भी सड़क के नाम पगडंडी पर चलते है। आलम यह है कि एक बीमार बुजुर्ग को पगडंडियों के रास्ते से अस्पताल तक पहुंचाना हो तो गांव के लोग घर में रखी कुर्सी को ही मजबूरी में एंबुलेंस बना लेते है।

 गांव के युवाओं की पीठ पर कुर्सी को रखकर एक बुजुर्ग को किस प्रकार अस्पताल पहुंचाया जा रहा है यह सब सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में बयां किया है। जिला के नौहराधार क्षेत्र के देवना गांव से विनोद कुमार  विक्रमादित्य सिंह से कहा कि गांव का वह बुजुर्ग पर थक गया है जो अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना व सपने देख रहे थे। लोक निर्माण मंत्री को भेजे गए सोशल मीडिया संदेश में देवना गांव के विनोद कुमार ने कहा है कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान भी देवना गांव की समस्या के बारे में सरकार व मंत्रियों को अवगत करवाया गया थाए परंतु अभी तक इनके गांव की सडक़ की समस्या फाइलों में दबी पड़ी है।

लोक निर्माण मंत्री से ग्रामीणों ने कहा है कि जिस तरह लोक निर्माण मंत्री लोगों के मसीहा बनकर सामने आए हैं तो सिरमौर जिला के नौहराधार क्षेत्र के लोगों की इस समस्या को भी दूर करगें। सडक़ के निर्माण में कहां समस्या आ रही है तथा कौन से दस्तावेज पूरे नहीं हुए हैं इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी जाए। ग्रामीणों ने मंत्री को पत्र भी लिखा है जिसमें मंत्री से मिलने का समय भी मांगा गया है।
 लोक निर्माण मंत्री को भेजे गए सोशल मीडिया संदेश को लेकर शिकायतकर्ता ने कहा है कि इस जानकारी को फेसबुक के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री के साथ सांझा किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सडक़ की तमाम औपचारिकताएं 2016 में पूरी कर ली गई थी। बावजूद आज भी यह सडक़ अधूरी है। ग्रामीण अभी भी पीठ पर उठाकर राशन व अन्य सामान कई किलोमीटर दूर तक मुख्य मार्ग तक पहुंचाते हैं। क्योंकि एक खच्चर का एक समय का भाड़ा 500 रुपए है जो आम गांव का व्यक्ति नहीं झेल सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सारी कमाई भाड़े में लग रही है।