राहुल निकले स्लीपर सेल तलाशने,दिल की बात जुबां पर आ गई। विवेक ‌शर्मा।

राहुल निकले स्लीपर सेल तलाशने,दिल की बात जुबां पर आ गई। विवेक ‌शर्मा।

अक्स न्यूज लाइन, सोलन ¸12 मार्च :

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा भारत के लोकतंत्र में विपक्षी दल की भूमिका में कांग्रेस आजकल अपनी पार्टी के भीतर विभीषण ढूंढ रही है।कांग्रेस समर्थक बुद्धिजीवियों  ने उन्हें नाम दिया है "स्लीपर सेल" ।

राहुल, प्रियंका जी के युग में कांग्रेस की राजनीति किसी रोमांच से कम नहीं है। निजी स्वार्थ से लबालब सत्ता सुख भोगने वाली कांग्रेस को,  भूलना नहीं चाहिए कि जो लोग उन्हें छोड़ कर जा रहे हैं या चले गए हैं  शायद वही कांग्रेस के असली वफादार थे। लेकिन उन पर बिकाऊ होने के इल्जाम लगाकर और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर  पाप धोने वाली वाशिंग मशीन का इल्जाम लगा कर,तो कभी ई.वी.एम को कटघरे में खड़ा कर के, अपने पाप कब तक छुपाएगी कांग्रेस। अगर कांग्रेस में कुछ बचा है तो केवल आकाओं को खुश करने वाले, जो आज स्वयं स्लीपर सेल की परिभाषा के अंतर्गत आ गए हैं।

अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए संगठन वीरों पर बिकाऊ होने का इल्जाम लगाकर, गांधी परिवार को प्रसन्न करने का प्रयास करने  वाले  आज  स्वयं विभीषण की भूमिका में आकर बैठ गए हैं और अपने ही श्रेष्ठ नेतृत्व की नजरों में स्लीपर सेल हो गए हैं।  आज
 कांग्रेस का बुद्धिजीवी वर्ग ही उन्हें स्लीपर सेल की परिभाषा से नवाज रहे हैं। हिमाचल कांग्रेस की वर्तमान सरकार जिस तरह हठ, अहंकार और मित्रों की चाटुकारिता की वीलासता में दिख रही है वह तो विभीषण से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि स्लीपर सेल भी  मेंहंनताना मांगता है विलासिता नहीं और यह सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री को नकारने  वाले 6 कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायकों  को चैंपियन बता रहे हैं।
और हकीकत यह है की राजनीति में अब कार्यकर्ता नहीं गुर्गे पैदा हो रहे हैं।
कांग्रेस आज  दोराहे पर खड़ी हो गई है जिसे अपने ही कार्यकर्ताओं के लिए यह सोचना पड़ रहा है।