आपदा स्थल पर मिलेगा इलाज ऐसे दो भीष्म क्यूब एम्स पहुंचे : रणधीर

आपदा स्थल पर मिलेगा इलाज ऐसे दो भीष्म क्यूब एम्स पहुंचे : रणधीर

अक्स न्यूज लाइन शिमला 25 मार्च : 
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधाक नैना देवी रणधीर सरकार ने कहा आपदा स्थल पर मिलेगा इलाज ऐसे दो भीष्म क्यूब एम्स पहुंचे। प्रोजेक्ट से जुड़ने वाला देश का पहला स्वास्थ्य संस्थान बना एम्स। रणधीर ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अब पीड़ितों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट भीष्म के तहत एम्स बिलासपुर को दो अत्याधुनिक भीष्म क्यूब मिले हैं। इसके लिए हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का धन्यवाद करते हैं। इन भीष्म क्यूब की कीमत 6 करोड़ रुपये है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने पहले एक क्यूब देने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने दो क्यूब भेजे हैं। 24 मार्च 2025 को इनकी खेप एम्स पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के नेता है जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं और जो कहते हैं उससे ज्यादा ही करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की आपदा के दौरान लोगों को सही समय पर मौके पर इलाज देने के लिए केंद्र ने इस प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर एम्स को जोड़ा है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का आभार प्रकट करते हैं। रणधीर शर्मा ने दावे के साथ कहा की प्रोजेक्ट से जुड़ने वाला बिलासपुर एम्स देश का पहला स्वास्थ्य संस्थान है। भीष्म क्यूब अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किए गए हैं। इन्हें हेलिकॉप्टर या अन्य साधनों से सीधे आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचाया जाएगा। मौके पर पहुंचते ही आठ से दस मिनट में अस्पताल तैयार कर घायलों का इलाज शुरू किया जा सकेगा। इसमें माइनर ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे, वेंटिलेटर, ब्लड सैंपल जांच और अन्य आपातकालीन सुविधाएं मौजूद होंगी। रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल में बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ या अन्य आपदाओं के दौरान अब रास्ते बंद होने की स्थिति में भी पीड़ितों को समय पर इलाज मिल सकेगा। इस योजना के तहत एम्स के डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे आपदा स्थल पर पहुंचकर तेजी से चिकित्सा सुविधा दे सकें। भीष्म प्रोजेक्ट शुरू होने से आपदा के दौरान होने वाली मौत के आंकड़ों में भी कमी आएगी। भीष्म क्यूब मोबाइल अस्पताल है। इसे तेजी से आपदा स्थल पर पहुंचाया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बॉक्स ऊंचाई से गिराने पर भी नहीं टूटते और न ही पानी का इन पर असर पड़ता है। इसे हेलिकॉप्टर, ट्रक या दूसरे माध्यमों से आपदा प्रभावित इलाकों तक ले जाया जाएगा। यहां तुरंत अस्पताल स्थापित कर इलाज शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा है यही नहीं जब से जगत प्रकाश नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बने हैं और जब-जब उन्होंने बिलासपुर एम्स का दौरा किया है तब तब उन्होंने करोड़ों रुपए की सौगात इस विश्वस्तरीय संस्थान को दी है। एम्स में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। भारत की स्वदेशी जीन थैरेपी ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए आशा की नई किरण साबित हुई है। जीन थैरेपी, जिसे "सीएआर-टी सेल थैरेपी" कहा जाता है से ब्लड कैंसर के मरीजों को नवजीवन मिल सकेगा। यह थैरेपी सुलभ और सस्ती भी है। जर्नल द लैंसेट हेमेटोलाजी में क्लीनिकल ट्रायल के प्रकाशित नतीजे उत्साहित करने वाले रहे हैं।