पहाड़ी कवि, प्रताप पराशर को ... सिरमौर कला संगम ने किया सम्मानित ......

पहाड़ी कवि, प्रताप पराशर को ... सिरमौर कला संगम ने किया सम्मानित ......

अक्स न्यूज   लाइन ..नाहन  30 जून - 2023
गिरीपार क्षेत्र के दूरदराज गांव बाड़ी से सम्बंध रखने वाले वित्त विभाग के अधिकारी ,प्रताप पराशर (ACF) किसी परिचय के मोहताज नही है , आजकल जिलाधीश सिरमौर के कार्यालय में सहायक नियन्त्रक(वित्त एवं लेखा) पद पर अपनी सेवाएं दे रहे है । 
वर्ष 2021 में इनके द्वारा रचित औऱ महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश द्वारा विमोचित पुस्तक " वह ढूंढ़ती रोटी " अमेज़न पर अपनी छाप छोड़ चुकी है तथा आजकल इनका लेखन क्षेत्रीय बोली सिरमौरी पहाड़ी में चल रहा है । पहाड़ी कविताओं के लिए इन्हें " हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम " द्वारा महा अलंकरण समारोह में 28 जून को पहाड़ी कविता के लिए सम्मानित किया गया,
 पराशर की गिरिपार(हाटी) सिरमौरी पहाड़ी बोली में रचित पहाड़ी कविताओं की शैली के वाचन का हर कोई कायल है , इनके यूटयूब चेनल "Pahari Suno ; पर 100 से ज्यादा कविताऐं प्रसारित हो चुकी है जिसका रसपान लाखों लोग कर रहे है । हिमाचल ही नही अपितु उत्तराखंड में भी पराशर की कविताओं के दीवाने हैं ,आजकल सोशल मिडिया में खूब प्रेम मिल रहा है । 
ग्रमीण क्षेत्र की मासूमियत व जीवन संघर्ष का चित्रण इनकी कविताओं का मूल हैं । खेउड़ो ठुकु ऐशो पौढ़ाए(राख में फेंक दूं ऐसी पढ़ाई) , कविता, शिक्षा क्षेत्र में नैतिक मूल्य के पतन पर कटाक्ष करती है , मेरिया बेटा तू चिट्टा ना चाखे (मेरे बेटे चिट्टा मत चखना)-में नशे से दूर रहने अपील है , रूषे ना माता खोड़कु दादा (मेरे भाई मत रुठना) में भातृ प्रेम का सन्देश हैं, ठोगोडी जाए मेरिये धीये (मेरी बिटिया तुम समझदार बनो), मेरी शो बांठिया कुंवे ना होथि (मेरी माँ सा सुंदर कोई नही)  - कविता माँ के समर्पण, संघर्ष औऱ औलाद के प्रति अकूट प्रेम की मार्मिकता का बखान करती है, कवि का कहना है कि मां के मुख से निकली भाषा ही मन के भाव संपादित कर सकती है , इसलिए पहाड़ी में लिखना अच्छा लगता है , एम फिल भौतिकी में पढ़ाई व वित्त विभाग के अधिकारी के पद पर आसीन होने बाद भी अपनी मातृ बोली से इतना लगाव इसलिए भी है कि पहाड़ी बोली अपने विलुप्त होने की कगार पर है और जो पढ़ाई करके उच्च पदों पर बैठे है  वो अपनी बोली में बात करने में  शर्म समझते है । मां का कर्ज माँ की भाषा का सम्मान करके ही उतारा जा सकता है । सिरमौर कला संगम द्वारा सम्मानित करने  के लिए प्रताप पराशर(पहाड़ी कवि kindly grant the space in your news please ????