भाजपा के नौ मंत्री चारों खाने चित हिमाचल में रिवाज नहीं, राज बदला
हिमाचल प्रदेश में भले ही रिवाज नहीं बदल पाया है, लेकिन राज जरूर बदल गया है। राज भी ऐसा बदला की हिमाचल के इतिहास में पहली मर्तबा सत्तारूढ़ सरकार के 11 में से 9 मंत्री चुनाव हार गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी द्वारा रिवाज बदलने की बातें की जा रही थी वह पूरी तरह हवा हवाई साबत हुई और हिमाचल की जनता ने एक बार फिर राजनेताओं को उनकी औकात दिखा दी।
हिमाचल की जनता ने ना केवल सरकार के 9 मंत्रियों को हराया है, बल्कि कांग्रेस कुछ ऐसे चेहरों को भी चारों खाने चित किया है जो खुद को स्वयंभू मुख्यमंत्री करार दे रहे थे। हिमाचल प्रदेश में आज देर शाम को संपन्न हुई चुनाव मतगणना के मुताबिक जहां जयराम ठाकुर ने जीत का रिकॉर्ड दर्ज किया है। वही जयराम ठाकुर सरकार के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं।
पहला रिकॉर्ड यह कि किसी सरकार के 11 में से 9 मंत्री चुनाव हारे है, दूसरा रिकॉर्ड यह कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अभी तक के सबसे अधिक अंतर से जीतने वाले पहले मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी के जो मंत्री चारों खाने चित हुए हैं। उनमें कुसुम्पटी से भाजपा के प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज, घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग, कसौली से डॉ राजीव सेजल, फतेहपुर से राकेश पठानिया, लाहौल स्पीति से रामलाल मारकंडे , शाहपुर से सरवीण चौधरी, कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर, मनाली से गोविंद ठाकुर और धर्मपुर से महेंद्र सिंह ठाकुर भी चुनाव हार गए हैं।
भले ही महेंद्र सिंह ठाकुर ने स्वयं चुनाव नहीं लड़ा था और बेटे को टिकट दिलाने में सफल हुए, लेकिन उन्हें भी मुंह की खानी पड़ी। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार के केवल मात्र 2 मंत्री ही चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इनमें पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी और जसवां परागपुर से विक्रम ठाकुर चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। वही विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार और विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज भी चुनाव जीत गए हैं।