अक्स न्यूज लाइन शिमला 13 दिसंबर :
आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद की बैठक हुई । इस बैठक में हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ ( हपूटवा ) द्वारा कार्यकारी परिषद की बैठक से पहले माननीय कार्यकारी परिषद के सदस्यों के समक्ष हपूटवा द्वारा शिक्षकों की समस्याओं को पुरज़ोर तरीके से रखा । आज शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय के बाहर काला रिबन लगाया तथा आज के दिन को काले दिवस के रूप में मनाया । हपूटवा का मानना है कि कार्यकारी परिषद की बैठक एक मज़ाक बन कर रह गई है जिसने विश्वविद्यालय के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होती । पिछले लंबे समय से शिक्षकों की माँगों पर कार्यकारी परिषद की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया । CAS आज प्रदेश के महाविद्यालय एवं सभी विश्विद्यालयों के शिक्षकों की पुरज़ोर माँग है हज़ारों शिक्षक CAS के कारण अपनी प्रमोशन से वंचित हैं जिससे समस्या प्रदेश के शिक्षकों में रोष है ।
हपूटवा ने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमे मुख्यतः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय , सरदार पटेल विश्विद्यालय मंडी के लिये की गई है जिसे प्रदेश सरकार को वापिस लेना चाहिए तथा CAS को बहाल करना चाहिए । हपूटवा का मानना है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कुछ विभागों में शिक्षक मूल भूत सुविधाओं से वंचित हैं कई शिक्षकों के पास तो बैठने के लिए भी ठीक से जगह नहीं है कंप्यूटर प्रिंटर के लिए भी शिक्षकों को लड़ाई लड़नी पड़ रही हैं । हपूटवा ने माँग रखी कि शिक्षकों के लिए नये आवासीय भवन बनाये जायें उन्होंने सुझाव भी दिया कि PM उषा के तहत आये बजट में शिक्षकों के लिए नये आवासीय भवन की नींव रखी जाये इसके साथ साथ 2014 के बाद आचार्यों के लिए पीएचडी इंक्रीमेंट को बंद कर दिया गया जो की एक लंबे समय की माँग है ।
बिश्वविद्यालय में बहुत से अध्यापक ऐसे हैं जिन्हें बहुत सी एजेंसियों चाहे आईसीएसआर हो या यूजीसी फंडेड प्रोजेक्ट मिलें है परंतु डीन रिसर्च ना होने से या विश्वविद्यालय की उपयुक्त गाइडलाइन ना होने से बहुत से प्रोजेक्ट शिक्षकों के वापिस जा रहे हैं जिससे विश्विद्यालय की रैंकिंग में नुक़सान हो रहा है तथा शिक्षक प्रोजेक्टों को वापिस कर रहे हैं । इसके साथ साथ अध्यक्ष डॉ नितिन व्यास एवं महासचिव अंकुश भारद्वाज ने बताया कि आज शिक्षकों को नया स्केल जो 2016 में मिला था उसका एरियर सरकार द्वारा रोका हुआ है जिससे प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को वित्तीय नुक़सान है हिमाचल प्रदेश प्रदेश का पहला राज्य होगा जहां 2016 के नये वेतन मान के लाभों को अभी तक रोका गया है जिससे कर्मचारी एवं अध्यापक वर्ग में भारी रोष है । उन्होंने बताया कि यह दुर्भाग्य की बात है कि विश्वविद्यायाल में शिक्षक काले बिल्ले लगा कर रोज़ काम कर रहे हैं परंतु सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रसाशन मूक दर्शक बना हुआ है । हपूटवा इसी तरह से तब तक आंदोलन्नित रहेगा जब तक शिक्षकों की माँगों को पूरा नहीं कर लिया जाता । आज के प्रदर्शन में अध्यक्ष डॉ नितिन व्यास , उपाध्यक्ष डॉ योगराज , महासचिव डॉ अंकुश , कोषाध्यक्ष डॉ राम , डॉ जोगिंदर सकलानी , डॉ रमेश विशेष रूप से उपस्थित थे ।