अक्स न्यूज लाइन शिमला 20 जून :
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) हिमाचल प्रदेश राज्य समिति ने मोदी शासन में प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की निंदा की है। NEET घोटाले का मुद्दा अभी सुलझ भी नहीं पाया है कि यूजीसी-नेट परीक्षा का मामला सामने आ गया है, गौरतलब है कि दोनों परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आयोजित की हैं. एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही इस परीक्षा में 18 जून 2024 को 1205 परीक्षा केंद्रों पर 9 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए हैं।
भारी गर्मी के बावजूद देश व प्रदेश के युवाओं ने अपने दूर दराज के गांवों से आकर हजारों रूपये खर्च करके ये परीक्षा दी थी लेकिन इतनी तैयारी व मेहनत से परीक्षा देने के बाद उनको पता चलता है कि इसमे भारी धांधली के चलते परीक्षा रद् कर दी है जो उनकी निराशा को बढ़ाता है। परीक्षा रद्द करना देश के लाखों युवाओं के साथ न्याय नहीं है।
एस0 एफ0 आई0 ने कहा एसा लगता है कि मोदी सरकार में ये एन0टी0ए0 जैसी एंजेसियां भाजपा व आर0 एस0 एस0 के लिए अनुचित तरीके से पैसा कमाने का जरिया बन चुकी है और निरन्तर देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का काम यह सरकार कर रही है। एक तरफ तो विभिन्न विभागों में खाली पड़े 30-35 लाख पदों पर भर्तियां नहीं हो रही है दुसरी तरफ नीट व यूजीसी समेत कई परीक्षाओं में मोदी सरकार द्वारा गठित निकायों के द्वारा आयोजित परीक्षाओं में धांधलियां अपने चर्म सीमा पर है ।
एस0एफ0आई0 ने कहा कि इस यू0जी0सी0 नेट परीक्षा में धांधली का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में भी इस परीक्षा के आयोजन कई परीक्षा केन्द्र थे जिसके निष्पक्ष आयोजन के लिए आब्जर्वरस यानि पर्यवेक्षकों की न्युक्ति की गई थी जिसमें अधिकांश भाजपा और आर0एस0एस0 की विचारधारा समर्थित शिक्षकों न्युक्त किया गया था और वे भी सबसे जुनियर शिक्षकों को और वे शिक्षक भी शामिल थे जिनकी नियुक्ति भाजपा शासनकाल में
पिछले दरवाजे से यु0जी0सी0 नियमों को ताक पर रख कर की गई थी ।
ऐसी परीक्षा में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए एनटीए के पास कुछ वरिष्ठता मानदंड होने चाहिए। ऐसे शिक्षक हैं जो भाजपा और आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठकों और कार्यक्रमों में खुलेआम भाग लेते हैं, जिन्हें एनटीए द्वारा हिमाचल प्रदेश के कई केंद्रों में पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। ऐसे लोगों से ऐसी नियुक्तियों के लिए तटस्थ और बेदाग होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कई शिक्षकों जो इस परीक्षा में आब्जर्वरस यानि पर्यवेक्षक एन0टी0ए0 ने न्युक्त थे उनकी अपनी भर्तीयों के खिलाफ माननीय न्यायालयों में कई मामले लम्बित हैं। एन0टी0ए0 किस प्रकार के लोगों को इन परीक्षाओं को कराने के लिए न्युक्तियां किस आधार पर करता है एक बड़ा प्रश्न है।
एसएफआई ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कई शीर्ष और जिम्मेदार शैक्षणिक निकायों में अयोग्य लोगों को नियुक्त किया है और इस तरह के भ्रष्टाचार और अनियमितताएं ऐसी नियुक्तियों का प्रतीक हैं।
SFI मांग करती है की NTA जैसी भ्रष्ट संस्था को भंग किया जाए व शिक्षा मंत्री भारत सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे व इस घोटाले की जांच माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के अधीन स्वतंत्र तरीके से की जाए।
SFI पूरे प्रदेश में इन धांधलियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी ।