बीते 25 वर्षों में तीन सौ से अधिक सफल प्रसूति करवा चुकी है रेवती........ -घर पर सफल प्रसूति करवाने में महारत हासिल है रेवती को
नाहन,5 जनवरी :चिकित्सा विज्ञान ने भले ही संस्थागत प्रसूति करवाने में एक रिकार्ड स्थापित किया है परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित दाईयों द्वारा वर्तमान में भी घर पर प्रसूति सहित माता.शिशु की देखभाल को पारंपरिक ढंग से निष्पादन करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। ऐसा ही एक जीवंत उदाहरण है रेवती देवी। जिन्हें बदलते परिवेश में भी घर पर प्रसूति करवाने में महारत हासिल है। जिनके द्वारा बीते 25 वर्षों में करीब तीन सौ से अधिक प्रसूति घर पर करवाने का रिकार्ड स्थापित किया गया है यही नहीं प्रसूति के उपरांत मां व शिशु की देखभाल करना भी रेवती अपना एक सौभाग्य मानती है। गौरतलब है कि रेवती देवी एक अशिक्षित महिला है परंतु प्रसूति करवाने में रेवती का वर्षों का अनुभव किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से कम नहीं है।
करीब 50 वर्षीय रेवती देवी मूलत: बायरी गांव की रहने वाली है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक कहावत प्रचलित है कि पढ़ा हुआ अथवा कढ़ा हुआ का अक्सर जिक्र होता है। अर्थात अनुभव का कोई सुगम रास्ता नहीं है बल्कि बिना अनुभव के थियोरी ज्ञान भी जीरो है। यही कहावत रेवती पर चरितार्थ साबित होती है। रेवती देवी ने बताया कि करीब 25 वर्ष पहले उनके द्वारा दाई का 16 दिवसीय प्रशिक्षण जिला अस्पताल नाहन और 11 दिन का दाई का प्रशिक्षण ददाहू अस्पताल में किया गया था। उसके उपरांत उन्होने इस कार्य को एक मिश्न के रूप में अपनाया है तथा प्रसूति करवाने के क्षेत्र में आजतक पीछे मुड़कर नहीं देखा। अशिक्षित होने के बावजूद भी रेवती द्वारा असंख्य गर्भवती महिलाओं की प्रसूति तथा नि:संतान दंपतियों का घरेलू विधि से उपचार किया गया है ।
रेवती देवी का कहना है कि उनके पास सिरमौर के अलावा उतराखंड, हरियाणा और चंडीगढ़ से नि:संतान दंपति आते हैं जिनका वह अपने अर्जित ज्ञान व अनुभव से उपचार करती हैं । इनका कहना है कि प्रसूति करवाने के उपरांत वह घर पर जाकर मां व शिशु की देखभाल करती है। जिसकी आय से उनके घर का सारा रोजमर्रा का खर्च चलता है। रेवती द्वारा प्रसूति के उपरांत महिला को अपनी व बच्चे की देखभाल रखने बारे भी जानकारी देती है। रेवती ने एक साक्षातकार में बताया कि उनके द्वारा अनेक जटिल प्रसूति को भी सामान्य तौर पर घर पर करवाने में सफलता हासिल की है। प्रसूति करवाने के एवज में उन्हें श्रद्धा से जो भी कु छ दिया जाता है उसे वह प्रसाद स्वरूप सहर्ष ग्रहण करती है। उन्होने बताया कि गर्भवती महिला के पेट में अगर बच्चा उल्टा हो अथवा कोई ओर गंभीर समस्या हो तो उसका भी वह देखकर उपचार करती है ।
बताया कि उनके द्वारा किए गए उपचार के फलस्वरूप अनेक नि:संतान के आंगन में किलकारी सुनने को मिली है। रेवती का कहना है कि अतीत में सौ फ ीसदी सफल प्रसूति घर पर सामान्य रूप से होती थी। जिस कारण महिलाएं स्वस्थ रहा रहती थी । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में डॉक्टर अब गर्भवती महिलाओं का बेडरेस्ट करने को कहते थे जिस कारण अस्पताल में अधिकांश प्रसूति सिजेरियन से होती है । रेवती देवी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी है जिनके द्वारा घर पर सफल प्रसूति करवाने में अहम भूमिका निभाई जा रही है ।