कांग्रेस की सरकार होने के कारण केंद्र ने हिमाचल को नहीं दी आपदा में मदद : प्रियंका
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना घर बताते हैं, लेकिन जब राज्य में आपदा आई तो वह एक बार भी हिमाचल प्रदेश नहीं आए और केंद्र की ओर से आपदा प्रभावितों के लिए एक पैसा तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वहीं मदद प्रदान करती है, जहां भाजपा की सरकारें होती हैं और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार होने के कारण केंद्र सरकार ने एक रूपए की मदद भी नहीं भेजी। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि पूरी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आपदा में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़े रहे और प्रभावितों की मदद की। उन्होंने कहा कि सेवा ही कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है और हिमाचल प्रदेश की जनता जानती है कि संकट के समय उनके साथ कौन खड़ा रहा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा ने एक साज़िश के तहत विधायकों को ख़रीद कर राज्य के ईमानदार लोगों की चुनी हुई ईमानदार सरकार को गिराने का प्रयास किया है, लेकिन लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष में भाजपा विश्व की सबसे अमीर पार्टी बन गई क्योंकि छापे मारकर चंदा वसूल किया गया। जिस कंपनी के वैक्सीन के कारण मौतें हो रही हैं, भाजपा ने उसी कंपनी से 52 करोड़ का चंदा लिया। गुजरात में जिस कंपनी का पुल गिरा, भाजपा ने उसी से चंदा लिया और जिन-जिन पर छापे मारे, उनसे चंदा लेकर छापे बंद कर दी। उन्होंने कहा कि मंडी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह कभी भी पार्टी के सेवा के लिए पीछे नहीं हटे, जबकि भाजपा की उम्मीदवार अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के बारे में क्या कह रही हैं। उन्होंने सभी से विक्रमादित्य सिंह को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की और कहा कि सांसद बनकर वह पूरी निष्ठा के साथ अपना दायित्व निभाएँगे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दिया, जिससे छोटे-छोटे कारोबार फले-फूले। लेकिन मोदी सरकार की नीतियाँ छोटे और मध्यम उद्योगों को कुचलने की हैं। पहले नोट बंदी की और कोविड के बाद पर्यटन उद्योग को राहत देने की बजाय मोदी सरकार ने जीएसटी थोप दिया, जिससे पर्यटन उद्योग को नुकसान झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग हिमाचल प्रदेश में बहुत से लोगों को रोज़गार देता है और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ बनाई जाएँगी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पिछले दस साल में मोदी सरकार ने केवल अपने खरबपति मित्रों को खुश करने की नीतियाँ बनाईं। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं हैं, जबकि उन्होंने उद्योगपतियों को 16 लाख करोड़ रुपए के कर्ज़ माफ़ किए और देश के संसाधन उनको सौंपे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सेब के कोल्ड स्टोर उद्योगपति मित्रों को सौंप दिए हैं, जो सेब के दाम कंट्रोल कर रहे हैं, जिसके कारण सेब बाग़वानों को सेब के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। इसके साथ ही सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई, जिससे सेब बाग़बानों को नुकसान हुआ। कांग्रेस 55 साल तक सत्ता में रही, लेकिन कभी भी जनता के हितों के साथ समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों के कारण महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ी है और आज 70 करोड़ युवा बेरोज़गार हैं। इन्हीं ग़लत नीतियों का नतीजा अग्निवीर योजना है, जिसमें चार साल बाद युवा बेरोज़गार हो जाता है, उन्हें पेंशन नहीं मिलती और शहादत पर उन्हें कोई आर्थिक मदद भी नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही अग्निवीर योजना को रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही वन रैंक-वन पेंशन योजना दी थी।
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने के बाद महिलाओं को 8500 रुपए प्रति माह और एक साल में एक लाख रुपए दिए जाएँगे। सरकारी क्षेत्र में ख़ाली पड़े 30 लाख पदों को भरा जाएगा और इसमें महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण देंगे। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना किया जाएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी का अधिकार देंगे। इसके अतिरिक्त किसान की फसल को नुक़सान होने पर 30 दिन में मुआवज़ा प्रदान किया जाएगा, किसानों की क़र्ज़ माफ़ी के लिए आयोग बनाया जाएगा और कृषि उपकरणों पर सीएसटी ख़त्म किया जाएगा। सरकारी क्षेत्र में 30 लाख नौकरियाँ देंगे और मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाकर 400 रुपए करेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार राजस्थान की तर्ज पर देश भर में 25 लाख रुपए का फ्री स्वास्थ्य बीमा प्रदान करेगी। शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा का लागू किया जाएगा और ग्रेजुएट युवाओं के लिए एपरेंटिसशिप कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिसके तहत उन्हें प्रति माह 8500 रुपए का भत्ता प्रदान किया जाएगा।