प्रदेश भर में रिक्त पड़े प्रधानाचार्य के पदों को शीघ्र भरा जाए …… स्कूल प्रवक्ता संघ ने सरकार से की मांग

प्रदेश भर में  रिक्त पड़े  प्रधानाचार्य के पदों को शीघ्र भरा जाए …… स्कूल प्रवक्ता संघ ने सरकार से की मांग

 अक़्स न्यूज लाइन, शिमला, 04, नवम्बर..

 

स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष  लोकेंद्र सिंह नेगी  ने बताया कि काफी समय से प्रदेश  भर में प्रधानाचार्य के सैंकड़ो पद रिक्त पड़े है  जिसके कारण की इन स्कूलों में वरिष्ठ प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ प्रधानाचार्य को जब कार्यवाहक प्रधानाचार्य की रूप में अतिरिक्त कार्य करना पड़ेगा तो निश्चित रूप से इस  कार्यभार के कारण उनके  द्वारा पढ़ाई जाने वाले विषय  की पढ़ाई इससे  प्रभावित होती है !

वरिष्ठ प्रवक्ताओं को  कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने पर  विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की   बैठकों तथा अन्य कार्यों से स्कूल से   बाहर भी रहना पड़ता है  इस कारण भी पठन-पाठन में बाधा उत्पन्न होती है। लोकेंद्र सिंह नेगी ने  बताया कि इस समय प्रदेश भर में  सैकड़ो वरिष्ठ प्रवक्ता प्रधानाचार्य बनने की सभी पात्रता पूरी करते हैं।  प्रधानाचार्य बनने के लिए  प्रवक्ता तथा मुख्य अध्यापक दो फिटिंग केडर है। दोनों ही फिडिंग  केडर में से  प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नति होने के 50-50 प्रतिशत अवसर प्राप्त होते हैं।

जब भी प्रधानाचार्य पदोन्नति की सूची  निकलती है। हमेशा ही   मुख्याध्यापकों के कोटे से भरे जाने वाले 50 % पदों में से बहुत कम पद भरे जाते हैं।  उसका एक मुख्य कारण यह रहता है कि  आवश्यक संख्या में   प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नति होने वाले पात्र  मुख्य  अध्यापक नहीं मिल पाते हैं। जिसके कारण की प्रदेश भर में  प्रधानाचार्य के असंख्य पद रिक्त रह जाते हैं।  पदों के रिक्त रहने के कारण   बहुत से प्रशासनिक तथा  शैक्षणिक कार्य प्रभावित होते हैं उन्होंने माँग कि है कि   मुख्य अध्यापकों के कोटे से  भरे जाने वाले पदों को रिक्त ना रखा जाए अपितु इन पदों को   प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नति होने के लिए आवश्यक पात्रता रखने वाले वरिष्ठ प्रवक्ताओं में से भरा जाए

उन्होंने बताया कि असंख्य प्रवक्ता 25 सालों से अपनी पहली पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं पदोन्नति के लिए इतना लंबा इंतजार मनोबल को तोड़ने वाला है इसलिए रिक्त पदों को प्रवक्ताओं को पदोन्नति करके भर जाए क्योंकि हजारों प्रवक्ता प्रधानाचार्य बनने के लिए सभी पत्रताओं को पूरा करते हैं  जिससे कि प्रदेश भर में  रिक्त पड़े प्रधानाचार्य के पदों के कारण प्रशासनिक तथा शैक्षणिक कार्य प्रभावित भी नहीं होंगे