पावन नगरी हरिद्वार में पांच दिवसीय अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन एवं रुद्राभिषेक सम्पन्न ........

पावन नगरी हरिद्वार में पांच दिवसीय  अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन एवं रुद्राभिषेक सम्पन्न ........

  अक्स न्यूज लाइन -- देहरादून , 15 अप्रैल 2023
   पावन नगरी हरिद्वार में आयोजित पांच दिवसीय 69 बां अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन एवं रुद्राभिषेक श्री पूर्णांनन्द आश्रम कनखल हरिद्वार  में सम्पन्न हुआ /इस धार्मिक आयोजन का सुभारम्भ दीप प्रज्वलित करके महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी श्याम चैतन्यपुरी जी महाराज  बृंदाबन और  महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी विवेकानन्द गिरी जी महाराज हरिद्वार द्वारा किया गया /  इस बर्ष इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश , पंजाब , हरियाणा , राजस्थान , गुजरात और दिल्ली के लगभग 450 धार्मिक अनुयाईओं ने भाग लिया /-
इस  रुद्राभिषेक  आयोजन के बारे में बताते हुए आश्रम के मुखिया  महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी  गिरिधर  गिरी जी महाराज ने बताया की  हिन्दू धर्म की आध्यात्मिक  बिरासत  महत्ता और  इसके बारे में जनमानस को जानकारी देने के लिए  आश्रम में  अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन बर्ष  1954 से आयोजित किया जा रहा है  लेकिन पिछले कुछ बरसों से यह महसूस किया जा रहा था की हिन्दू समाज को धार्मिक पद्धति , सांस्कृतिक धारा और रीती रिबाजों की कोई बैज्ञानिक या तर्कसंगत जानकारी नहीं है  और उनके घरों में पण्डितों द्वारा करबाए गए  यज्ञों/ अनुष्ठानों   आदि में पण्डितों द्वारा  उचारे जा रहे मंत्रोच्चारण  को अधिकतर हिन्दू परिवार के लोग नहीं  समझ पाते जिसके अभाब में नई हिन्दू पीढ़ी हिन्दू ग्रंथों , वेदों ,पुराणों आदि के बारे में अनभिज्ञ ही रहते हैं  और अपने धर्म के मूल मूल्यों की ही जानकारी नहीं रखते 
  उन्होंने बताया की  समस्या के निदान के लिए आश्रम में बर्ष 2014 में  आश्रम के प्रमुख  महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी  दिव्यानन्द जी महाराज  के पंच तत्वों में बिलीन  होने के बाद आश्रम में यह निर्णय किया की  उनकी यादगार में बार्षिक अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन के साथ ही  रुद्राभिषेक भी आयोजित किया जाये / इस कड़ी में यह फैसला लिया गया की इस रुद्राभिषेक में जो भी मंत्रोच्चारण किया जाये उन सबका   यजमानों को हिन्दी अनुबाद करके  धार्मिक महत्व भी बताया जाये ताकि रुद्राभिषेक में भाग लेने बाले धर्म अनुरागी पूरी बिधि , महत्व आदि को समझ सकें और इस तरह बह अपनी धार्मिक संस्कृति की गहन जानकारी रख सकें तथा इसके बारे में बाकि हिन्दू समाज को भी  बता सकें  / उन्होंने बताया की सभी  हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं लेकिन नई पीढ़ी संस्कृत भाषा पढ़ती ही नहीं है जिसकी बजह से बह हिन्दू धार्मिक मान्यताओं से दूर होती जा रही है / आश्रम के मुखिया  महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी  गिरिधर  गिरी जी महाराज ने बताया की उनके अनुयायी उन्हें देश के बिभिन्न भागों में भागवत  कथा के लिए आमन्त्रित करते हैं और बह यह सुनिश्चित करते हैं की इन सभी कथा आयोजनों में रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जाये जिसमे सभी यजमानों को संस्कृत में उच्चारण किये जा रहे मन्त्रों का हिंदी अनुबाद बताया जाता है और इसके साथ ही बिभिन्न धार्मिक रीतियों,अनुष्ठानों   को सही तरीके से करने की बिधि भी बताई जाती है तथा इस बिधि के लाभ भी बताये जाते हैं  क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती / 
उन्होंने बताया की उनके आश्रम में कराये जा रहे रुद्राभिषेक का कोई खर्चा या फीस नहीं ली जाती है बल्कि श्रद्धालुओं को रहने ठहरने की ब्यबस्था मुफ्त की जाती है /