राज्यपाल ने सिपुर में पौधरोपण अभियान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया

इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी हरी-भरी घाटियों, बर्फ से ढकी चोटियों और नदियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, राज्य ने भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी गंभीर प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है। उन्होंने कहा कि धरती पर घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाएं हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता की याद दिलाती हैं। वनों का अनियंत्रित कटान, जल संसाधनों का प्रदूषण और अनियोजित विकास के कारण पृथ्वी का संतुलन बिगड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत पौधरोपण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह एक जीवन रक्षक पहल है। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के माध्यम से हम मिट्टी और जल का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य का निर्माण करते हैं। इस अवसर पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मशोबरा के विद्यार्थियों द्वारा प्रधानाचार्या अनीता गुप्ता के मार्गदर्शन में लगभग 120 पौधे लगाए गए। वन अधिकारियों, रेडक्रॉस सदस्यों और स्थानीय लोगों ने भी पौधरोपण अभियान में भाग लिया। इससे पहले, राज्यपाल ने सिपुर स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की।
राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा और मुख्य अरण्यपाल के. थिरुमल ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रियांशु, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन नेगी, जिला अधिकारी, रेडक्रॉस सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।