पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में विकसित हो रहा नादौन
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और धार्मिक, ऐतिहासिक एवं व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नादौन कस्बे के बारे में कभी यह कहावत प्रचलित थी कि- ‘जो आए नादौन, तो फिर जाए कौन’।
आधुनिक दौर में इस कहावत को सही मायनों में चरितार्थ करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन के लिए एक व्यापक एवं दूरगामी परियोजना का खाका खींचा है। नादौन में पर्यटन की संभावनाओं के उचित दोहन के लिए मुख्यमंत्री की सोच से उपजी इस परियोजना को चरणबद्ध ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में नादौन शहर में अमतर चौक पर लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अत्याधुनिक होटल का निर्माण कार्य जोरों पर है। इस होटल के निर्माण से नादौन और इसके आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बल मिलेगा।
दरअसल, शिमला-धर्मशाला-डलहौजी पर्यटन रूट और हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों बाबा बालक नाथ, ज्वालाजी, चिंतपूर्णी, ब्रजेश्वरी माता और चामुंडा माता मंदिर के धार्मिक पर्यटन रूट पर स्थित होने के बावजूद नादौन में पर्यटकों के रुकने के लिए अभी तक कोई भी स्तरीय होटल नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी क्षेत्र में एक पर्यटक का आगमन एवं ठहराव लगभग 15 लोगों को रोजी-रोटी दे सकता है। लेकिन, नादौन कस्बे में प्रतिवर्ष लाखों पर्यटकों के गुजरने के बावजूद यहां के व्यावसायियों और आम बाशिंदों को कोई खास फायदा नहीं हो पा रहा था। आधुनिक सुविधाओं से युक्त होटल या गेस्ट हाउस उपलब्ध न होने के कारण पर्यटकों को भी नादौन में निराशा ही होती थी।
इसी के मद्देनजर, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन के लिए बहुत बड़ी सौगात लेकर आए हैं और अब वे दिन दूर नहीं हैं, जब इस क्षेत्र में भी पर्यटकों की काफी चहलकदमी देखने को मिलेगी तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने नादौन में केवल होटल का निर्माण ही शुरू नहीं करवाया है, बल्कि रिवर राफ्टिंग एवं एडवेंचर स्पोर्ट्स तथा अन्य गतिविधियों के लिए भी बेहतरीन इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें वैलनेस सेंटर और खरीड़ी मैदान में इंडोर स्टेडियम के लिए 65-65 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए वे-साइड अमेनिटीज यानि हाईवे के किनारे आवश्यक सुविधाओं के लिए 13 करोड़ रुपये की योजना भी शामिल है। पिछले वर्ष यहां एशियाई स्तर की रिवर राफ्टिंग स्पर्धा का आयोजन भी करवाया गया था, जिससे यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स की संभावनाओं के उचित दोहन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।