तीर्थन घाटी में ग्रामीणों ने खुद बनाया लकड़ी का अस्थाई पुल, प्रशासन बेखबर।

तीर्थन घाटी में ग्रामीणों ने खुद बनाया लकड़ी का अस्थाई पुल, प्रशासन बेखबर।
तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार (परस राम भारती):- जिला कुल्लू उप मंडल बंजार की तीर्थन घाटी वर्ष 2023 से लेकर आज तक प्राकृतिक आपदा का दर्द झेल रही है। यहां की ग्राम पंचायत कंडीधार में तीर्थन नदी के ऊपर बाड़ीरोपा से जावल के लिए एक लोहे के पैदल पुल का निर्माण हुआ था, जो वर्ष 2023 में आई बाढ़ के कारण एक छोर से  क्षतिग्रस्त हो गया था। यहाँ पर नदी का बहाव दो तरफ मुड़ गया जबकि पुल का मुख्य भाग सुरक्षित रहा। इसी दौरान यहां के ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त छोर से आवागमन के लिए एक अस्थाई पुलिया का निर्माण किया था जो इस बार 13 अगस्त को नदी में आई भारी बाढ़ के कारण बह गई।
स्थानीय लोगों द्वारा अगस्त माह में ही एक बार पुन इस स्थान से पर बिना किसी सरकारी मदद के आपसी सहयोग और श्रमदान से एक अस्थाई पुलिया का निर्माण किया था, लेकिन यह पुलिया भी कुछ दिन बाद फिर से आई बाढ़ में बह गई। हैरानी की बात है कि लोगों द्वारा आग्रह के बावजूद प्रशासन और सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने किसी सरकारी मदद का इंतजार किए बिना मजबूरी में अपनी मेहनत और उपलब्ध साधनों से कई दिनों की मुशकत और कड़ी मेहनत के बाद तीसरी बार लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार किया।
ग्राम पंचायत कंडीधार के सेंकड़ों ग्रामीणों को लाभाविन्त करने वाले इस पुल से प्रतिदिन छोटे-छोटे स्कूली बच्चे,पर्यटक और अन्य कई लोग गुजरते हैं जिससे उनकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है। यह पल तीर्थन नदी के उस पार कई गांवों और पर्यटन इकाइयों को जोड़ता है। लोगों का कहना है कि इस फूल के क्षतिग्रस्त छोर पर लोहे का पक्का और स्थाई पुल लगना चाहिए ताकि किसी जानमाल के नुकसान से बचा जा सके। ग्रामीणों द्वारा इस समस्या को सरकार गांवों के द्वारा कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन के समक्ष उठाया जा चुका है लेकिन अभी तक धरातल स्तर पर कोई भी कार्य होता नहीं दिख रहा है।
इस पुल निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत कंडीधार के उप प्रधान मोहिंन्द्र सिंह, तीर्थन वैली टैक्सी यूनियन के प्रधान चन्द्र पाल जुफरा, रोबिन ठाकुर, नरेश कुमार,  चिंन्तु लाठी, सुरेन्द्र बिष्ट, कृष्ण कुमार, पूजय ठाकुर, अमित ठाकुर, नेगी मनाली, तुले राम, तेजा बिष्ट, अभिमन्यु, भोला दत, लाल चंद, हीरा लाल वर्मा और सेस राम आजाद मिस्त्री आदि ने निस्वार्थ भाव से अपना भरपूर सहयोग दिया है। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस स्थान पर शीघ्र ही पक्का पुल बनाया जाए।