टीबी मरीजों की न्यूट्रिशन किट में स्थानीय उत्पादों को शामिल करने के लिए तलाशे जाएंगे विकल्प - उपायुक्त

अनुपम कश्यप ने कहा कि लोग कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं लेकिन अस्पताल जाने में हिचकिचाते है। टीबी व नशे से ग्रसित व्यक्ति को लेकर लोग सहयोग बहुत कम करते है इसलिए सामुदायिक भूमिका की महत्ता के बारे में लोगों को जागरूक करना हमारी प्राथमिकता है। अगर हमारे आसपास स्वस्थ लोग होंगे तो स्वस्थ सामुदायिक प्रणाली विकसित होगी।
जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी हितधारकों को एक बैठक भविष्य में की जाएगी। इसमें सभी संबंधित विभाग, सामाजिक हितधारक शामिल होंगे। इसके बाद एक व्यापक योजना के तहत जिला में टीबी मुक्त अभियान को लागू करने की तैयारी की जाएगी।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन प्रोग्राम के तहत 1301 को लक्ष्य जनवरी से जुलाई तक रखा गया था और इनमें 1226 हासिल किए गए। एचआईवी टेस्टिंग का लक्ष्य 956 में से 918, मधुमेह टेस्टिंग का लक्ष्य 956 में से 916, यूडीएसडी स्टेटस का लक्ष्य 601 में से 569, उपचार सफलता दर का लक्ष्य 1142 में से 991 हासिल किया गया। टीबी मुक्त अभियान के तहत 7 दिसंबर 2024 से लेकर जुलाई 2025 तक 183397 लोगों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 120396 स्क्रीनिंग की गई, जोकि 66 फीसदी हुआ है। जिला शिमला में टीबी से ग्रसित 764 मरीज है। इनमें से 144 मरीजों को थ्री बास्केट और 11 मरीजों को सिक्स बास्केट फूड किट वितरित की जा रही है।
इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ यशपाल रांटा, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनीत लखनपाल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक तेंजिन अस्पताल डॉ रमेश चंद सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे।