उप-मुख्यमंत्री ने केवी मोहन कुमार की पुस्तक ‘जलराशि’ का किया विमोचन
भाषा समन्वय वेदी एक सांस्कृतिक साहित्यिक संगठन है। यह संस्था भाषाओं के बीच सांस्कृतिक समन्वय, अनुवाद के माध्यम से भाषायी मैत्री को प्रोत्साहन, विश्व साहित्य और भारतीय साहित्य को बढ़ावा और युवा अनुवादकों को प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस संस्था ने हिमाचल की कहानियों को पहाड़ी भाषा व हिन्दी और हिन्दी से मलयालम भाषा में भी रूपान्तरण किया है।
उप-मुख्यमंत्री ने भाषा समन्वय बेदी संस्था के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से भाषायी संस्कृति का आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है। संस्था द्वारा भाषाओं के बीच भाईचारा बढ़ाकर सांस्कृतिक स्तर पर सराहनीय प्रयास किए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भाषा, संस्कृति और सभ्यता अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर अन्तरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, मंडी की शिवरात्री, चम्बा के मिंजर मेले जैसे सांस्कृतिक आयोजनों से देश-विदेश की संस्कृति का आदान-प्रदान होता है। देव भूमि हिमाचल प्रदेश में मंदिर और शक्ति पीठों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाते हैं।