प्रत्याशियों के चुनावी व्यय की हुई तीसरी जांच
उन्होंने कहा प्रत्याशियों के खर्चे की कड़ी निगरानी की जा रही है। इसलिए प्रत्याशियों के अधिकृत एजेंटों से चुनाव चार के खर्च का पूरा ब्यौरा रोजाना रजिस्टर में दर्ज करने करें ताकि सहायक व्यय पर्यवेक्षकों एवं अकाउंटिंग टीमों द्वारा बनाए गए शैडो रजिस्टर से इसका मिलान कर खर्च का सही आकलन किया जा सके।
उन्हांेने बताया कि चुनावी खर्चे का नियमानुसार हिसाब न देने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है और उनके चुनाव लड़ने पर 3 साल तक का प्रतिबंध लग सकता है। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित खर्च 95 लाख की सीमा से ज्यादा खर्चा पाए जाने पर चुनाव में विजयी हो जाने के बाद भी सदस्यता रद्द हो सकती है।
व्यय जांच में एडीसी मंडी रोहित राठौर, सहायक व्यय पर्यवेक्षक और चुनाव प्रत्याशियों के व्यय एजेंट मौजूद थे।