ख़ास खबर.... गुणात्मक शिक्षा से ड्रेस कोड़ या युनिफार्म का कोई रिश्ता नही.....कोई सरकार बाध्य कर सकती....

ख़ास खबर.... गुणात्मक शिक्षा से ड्रेस कोड़ या युनिफार्म का कोई रिश्ता नही.....कोई सरकार बाध्य कर सकती....

अक्स न्यूज लाइन, नाहन  31 मई :    अरुण साथी 

सरकारी स्कुलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड़ या युनिफार्म सीधे आदेश सरकार की तरफ से नही है। न की कोई सरकार शिक्षकों को कोई युनिफार्म डालने पर बाध्य नही कर सकती है। सरकार ने स्कुलों के प्रमुख को,शिक्षकों के लिए केवल औपचारिक पोशाक पहनने के आदेश. न की कोई तय युनिफार्म। सरकार के निर्देशों की आड़ में शिक्षा उपनिदेशकों व स्कु ल प्रमुख कोई मनमानी नही कर सकते।  

 दूसरी तरफ मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्कुलों में शिक्षकों ने अपने स्तर पर ड्रेस कोड अपना के एक ही रँक को ड्रेस पहन स्कूल आने लगे हैं। ड्रेस कोड़ और यूनिफार्म को लेकर शिक्षक वर्ग में भी विरोधभास भी उभरा है। कुछ शिक्षक ड्रेस कोड लेकर जारी निर्देशों किनार कर के मनचाही ड्रेस पूर्व की भांति डाल कर स्कुलों में आ रहे हैं।
 यह भी साफ है कि अगर ड्रेस कोड के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है तो ड्रेस कोड के दायरे में रह कर एक तरह की ड्रेस डाल कर आने वाले शिक्षकों को रोका भी नही जा सकता है।

हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ के नवनियुक्त राज्य चैयरमैन सुरेंद्र पुंडीर ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए ऐच्छिक रूप से ओपचारिक पोशाक के निर्देश दिए हैं । किसी वर्दी को बाध्य नहीं किया हैं। अत: ओपचारिक पोशाक के नाम किसी भी प्रधानाचार्य अथवा उप निदेशक को किसी भी शिक्षक को ड्रेस पहनने के लिए बाध्य किया जाना अनुचित एवं सरकार के निर्देशों की उल्लंघन है।  

पुंडीर ने कहा कि यद्यपि वह न केवल शिक्षक बल्कि सभी कर्मचारियों एवं समाज के सभी सभ्य लोगों से ड्रेस कोड को अपनाने के समर्थक हैं परंतु केवल एक जैसी वर्दी बना लेना अव्यवहारिक एवं असुविधाजनक है। शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में भी शिक्षकों के लिए वर्दी नहीं लगाई गई हैं क्योंकि शिक्षकों का उद्देश्य गुणात्मक शिक्षा हैं जिसे वर्दी का दूर दूर तक का कोई संबंध नहीं हैं