यहां कुत्तों का आंतक:3 महीने में 450 लोगों को काट डाला..मेडिकल कॉलेज नाहन में 450 डॉग बाइट के मामले हुए रिकॉर्ड, 10 बिल्लियों ने भी काटा...

यहां कुत्तों का आंतक:3 महीने में 450 लोगों को काट डाला..मेडिकल कॉलेज नाहन में 450 डॉग बाइट के मामले हुए रिकॉर्ड, 10 बिल्लियों ने भी काटा...

अक्स न्यूज लाइन नाहन 5 अगस्त :

मेडिकल कॉलेज नाहन में 1 अप्रैल से लेकर 30 जून 2025 के बीच महीनों के मिले आंकड़ों के अनुसार 450 डॉग बाइट के मामले रिकॉर्ड हुए है। यही नहीं करीब 10 मामलों में बिल्लियां भी काटने में पीछे नहीं रही है । 

 ऐसे में डॉग बाइट का यह तीन महीने के भीतर एक बड़ा आंकड़ा है और उन डॉग लवर्स व उन संस्थाओ के लिए जो सड़कों के किनारे इनके पालन पोषण में लगी है औऱ कहतीं हैं कि सड़कों पर घूमने वाले कुत्ते काटते नही है की आंखे खोलना वाला हो सकता है। डॉग बाइट का यह बड़ा आंकड़ा केवल मेडिकल कॉलेज नाहन में आने वाले लोगों का ही है। यानी इसमें नाहन व आसपास ग्रामीण क्षेत्र हुए पीड़ित लोग ही डॉग बाइट के बाद इलाज के लिए आये। इसमें पांवटा, शिलाई, हरिपुर धार,राजगढ़ आदि क्षेत्रों के लोगों शामिल नहीं है।

डॉग बाइट के मिले आंकड़ों के अनुसार कुल 450 में से औसतन 150 मामले प्रति माह और 5 मामले प्रतिदिन आए हैं। जिनका इलाज मेडिकल कॉलेज में हुआ और  रैबीज का टीका लगाया गया। डॉग बाइटिंग के मामले मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नियमित आते रहते है । कुत्ते पालने वाले लोगों को भी कई बार डॉग बाइटिंग होती है उपरोक्त आंकड़ों में ये लोग भी शामिल हैं जिनको रैबीज का टीका लगाना पड़ा।

 आरोप है कि शहर में लगातार डॉग बाइटिंग के मामलों में इजाफा हो रहा है। इन मामलों में छोटे बच्चे, महिलाएं व बुजुर्गों की तादाद ज्यादा बताई जाती है। आरोप यह भी है कि सरकारी सिस्टम पर आवारा कुत्तों को सड़को पर जगह जगह खिलाने वाले लोग जिनमे कुछ ऊंची पहुंच वाले भी शामिल है हावी हो चुके हैं। अफसरशाही बेबस बनी है। यही वजह है हमलावर कुत्तों का आतंक जारी है और डॉग बाइटिंग की रफ्तार ने जोर पकड़ रखा है। 

उधर सुप्रीम कोर्ट व राज्य हाई कोर्ट ने कुत्तों के बढ़ते जा रहे आंतक कर सड़कों पर खाना खिलाने को लेकर हाल ही में सख्त टिप्पणियां कर चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश मे हुए लोकल सर्किल्स के सर्वे में 71% लोगों ने कहा कि उनके इलाके, जिले या शहर में कुत्तों के हमले आम हैं। इनमें से 68% ने कहा कि उनके इलाके में आवारा कुत्तों के हमले होते हैं, जबकि 16% ने पालतू कुत्तों के हमले की बात कही। लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस समस्या को स्वच्छ भारत मिशन की तरह मिशन मोड में सुलझाया जाए।
 

उधर मेडिकल कॉलेज नाहनअस्पताल  एमएस डॉ संगीत डिंल्लो ने बताया कि अप्रैल तक से जून 2925 तक अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार डॉग बाइटिंग के 450 मामले इलाज के लिए आए और रैबीज का टीका लगाया गया । उन्होंने बताया कि अस्पताल में आने वाले डॉग बाइटिंग के मामलों का अलग से रिकॉर्ड रखा जाता है।