कृषि मंत्री ने मिल्क प्लांट के लिए चयनित भूमि का किया निरीक्षण
प्रो चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रही है। किसानों तथा पशु पालकों के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं ताकि किसानों और पशु पालकों की आमदनी दुगुनी हो सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती पद्धति से पैदा किए गए गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है।
उन्होंने कहा कि किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार ने भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 55 रुपये और गाय के दूध के लिए खरीद मूल्य को 45 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि पशु पालकों के लिए 500 करोड़ की दूध गंगा योजना आरंभ की गई है जिसके तहत गांवों में दूध एकत्रित कर कलस्टर स्तर पर चिलिंग प्वाइंट तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिम उन्नति योजना भी आरंभ की गई है जिसमें क्षेत्र विशेष की क्षमता के अनुरूप दूध, दालों, सब्जियों, फलों, फूलों तथा नगदी फसलों के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे ताकि किसानों को उनके उत्पादों के विपणन के लिए उचित व्यवस्था हो सके। कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो वायदे चुनावों के दौरान किए थे उनको चरणबद्व तरीके से पूरा किया जा रहा है तथा राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधानसभा के उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया सहित कृषि तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
ओबीसी का प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री से की भेंट
धर्मशाला, 07 नवंबर। अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंडल के राज्य अध्यक्ष कर्नल स्वरूप कोहली की अध्यक्षता तथा घृत बाहती चाहंग महासभा के प्रदेशाध्यक्ष श्रीकंठ चैधरी की अध्यक्षता में अपनी मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार तथा उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया से भेंट की।