काश सरदार वल्लभ भाई पटेल को पूरे अधिकार दिए होते तो पीओके देश का अभिन्न अंग होता : बिंदल

काश सरदार वल्लभ भाई पटेल को पूरे अधिकार दिए होते तो पीओके देश का अभिन्न अंग होता : बिंदल

 अक़्स न्यूज लाइन, शिमला—31 अक्तूबर

 

 डा राजीव बिन्दल ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती की देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। नरेन्द्र भाई मोदी भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री को कोटि कोटि आभार, जिन्होनें लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का आजादी के लिए योगदान व देश की सैंकड़ों रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर भारत की एकता और अखंडता के लिए किए गए कार्यों को भारत के जनमानस तक पहुंचाया और सरदार पटेल जी की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार सरोवर के मध्य बनाकर उन्हें अविस्मरणीय कर दिया। यह प्रतिमा बनाते समय मोदी जी ने पूरे देश से गांव-गांव से, घर-घर से लोहा एकत्र किया और उस लोहे से लौह पुरूष की भव्य प्रतिमा बनाकर उसे विश्व विख्यात कर दिया।

 

सरदार पटेल के जन्मदिवस 31 अक्तूबर को एकता दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णिय और देशभर में रन फाॅर यूनिटी के कार्यक्रम कराते हुए देशवासियों को उनके कर्तव्यों का बोध कराने का काम भी यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया।

 

देश की आजादी के लिए हजारों लाखों लोगों ने बलिदान दिया, जिनमें हजारों क्रांतिकारियों ने अपना जीवन न्योछावर किया। नेता जी सुभाष चंद बोस ने आजाद हिंद फौज बनाकर अंग्रेजो से युद्ध लड़ा और मोहन दास कर्मचंद गांधी जी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई सड़कों पर लड़ी गई। जब पूरा देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था तो किसी को कल्पना नहीं थी कि आजादी के साथ देश का विभाजन कर दिया जाएगा। परन्तु पंड़ित जवाहर लाल नेहरू जी बहुत जल्दी सत्ता पर बैठना चाहते थे, इसलिए उनके दबाव में गांधी जी ने देश का विभाजन स्वीकार कर लिया और भारत माता के तीन टुकड़े कर दिए गए। भारत माता की दोनों बाजूएं पंजाब और बंगाल को काटकर पाकिस्तान बना दिया गया और नेहरू जी ने सरदार पटेल जी को पीछे करते हुए भारत की सत्ता ले ली। इतिहासकारों और सामान्य जनमानस का मानना है कि गांधी जी को यदि नेहरू जी दबाव न देते और सरदार पटेल जी की वार्ता को मानते तो कदापि देश का विभाजन नहीं होता। 

 

देश के विभाजन के साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने देश की सभी रियासतों को भारत की माला में पिरोने का काम कर दिया। जम्मू काश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहेगा। यह भी महाराजा हरि सिंह जी से सरदार पटेल जी ने लिखवाकर ले लिया। इसी मध्य पाकिस्तान ने कबायलियों के माध्यम से भारत पर हमला करवा दिया। सरदार पटेल जी ने पाकिस्तानियों को कश्मीर से बाहर खदेड़ना शुरू किया, तो पंड़ित नेहरू जी ने शेख अब्दुल्ला के कहने पर सीज फायर करवा दिया, जब कि सरदार पटेल ने कहा कि मैं 24 घंटे में पूरा कश्मीर पाकिस्तानियों से खाली करवा दूंगा। पर नेहरू जी की नासमझी के कारण कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाक ओक्यूपाईड कश्मीर बन गया और पिछले 75 साल से भारत के लिए कैंसर की तरह काम कर रहा है।

 

काश सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को पूरे अधिकार दिए होते तो पीओके देश का अभिन्न अंग होता और हजारों सैनिक जिनका बलिदान कश्मीर की सरहदों की सुरक्षा के लिए हुआ वह माताओं के सपूत ना मारे जाते। अंत में ऐसे महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को हम नमन करते हैं।