आयुर्वेदिक अस्पताल में 1.33 करोड़ के अनुमानित आय-व्यय को दी मंजूरी
उपायुक्त ने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान समिति को अस्पताल में विभिन्न सेवाओं से संबंधित शुल्कों, दुकान के किराये, पार्किंग फीस और अन्य माध्यमों से लगभग लगभग 21.55 लाख रुपये की आय का अनुमान है। गत वित्त वर्ष की शेष राशि को मिलाकर समिति की अनुमानित आय लगभग 98.68 लाख रुपये होगी। बैठक में समिति ने इस वित्त वर्ष में अस्पताल में आवश्यक ढांचागत विकास और विभिन्न सेवाओं के लिए लगभग 34.39 लाख रुपये खर्च करने को मंजूरी प्रदान की। इसमें अस्पताल के लिए फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रिंटर, पंचकर्मा की सामग्री, सीसीटीवी कैमरे, जनरेटर, दवाइयां, सफाई एवं कचरा प्रबंधन, लैब की सामग्री, उपकरणों की खरीद एवं मरम्मत, मेडिकल कैंप और अन्य गतिविधियों के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने आयुर्वेद विभाग और अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के लिए सभी तरह की सामग्री की खरीद सरकार के नियमों एवं मानकों के अनुसार ही होनी चाहिए। अगर कहीं पर विभागीय स्तर पर मंजूरी की आवश्यकता है तो उसके लिए भी निर्धारित प्रक्रिया ही अपनाएं। अमरजीत सिंह ने कहा कि जनरेटर और सीसीटीवी जैसी मूलभूत एवं ढांचागत सुविधाओं के लिए आरकेएस के बजाय अगर आयुर्वेद विभाग के माध्यम से बजट प्राप्त करने की संभावनाएं तलाश की जा सकती हैं।
उपायुक्त ने कहा कि आज के दौर में आयुर्वेद की महत्ता काफी बढ़ रही है। इसलिए, विभाग के अधिकारी एवं चिकित्सक लोगों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के तहत भी लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. बृज नंदन, अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. दलीप सिंह ठाकुर और डॉ. रविंद्र सिंह ने विभिन्न मदों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर समिति के अन्य सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों ने भी कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे।