आत्मा में तीन शक्तियां मन, बुद्धि और संस्कार: राजयोगिनी सुदेश दीदी

आत्मा में तीन शक्तियां मन, बुद्धि और संस्कार: राजयोगिनी सुदेश दीदी

अक़्स न्यूज लाइन, नाहन --15 जुलाई

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय नाहन सेवा केंद्र में आयोजित कार्यक्र म में माउंट आबू से आई राजयोगिनी बी.के. सुदेश दीदी संयुक्त मुख्य प्रशासिका ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शिमला सीट के सांसद सुरेश कश्यप व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा राजीव बिंदल इस मौके पर मौजूद रहे। 

प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बी.के.सुदेश दीदी जी ने कहा कि जैसे कमल पर कीचड़ नहीं लगता इस तरह मनुष्य का जीवन होना चाहिए। अपने अंदर अगर आध्यात्मिकता को बढ़ाना है तो अपने मन के अंदर जाना होगा। सुदेश दीदी ने कहा कि हमें ईमानदारी से अपने आप को पूछना चाहिए कि मैंने अपने आपनी आत्मा को देखा है।  
दीदी ने कहा कि पहले यह अभ्यास करना है कि मैं मोटर नहीं मोटर का ड्राइवर हूं। रात को मोटर में नहीं सोना है मैं आत्मा जोत हूं और उस परमपिता जोत की गोद में सोई हुई हूँ। उन्होंने कहा कि आत्मा में तीन शक्तियां होती हैं। मन, बुद्धि और संस्कार। मन को शांति चाहिए जो संकल्प की शक्ति है।
 

मन और दिल में अंतर है। दिल जिस्म का पूर्जा है। मन आत्मा की ताकत है। मन में विचार करो कि मैं शुद्ध आत्मा शांत स्वरूप हूं। शांति मेरा धर्म है। शांति मेरा असली स्वभाव है । मैं मन के अंदर परमात्मा प्रेम की अगरबत्ती जलाकर रूहानी सुगंध फैलाकर मन को शुभ संकल्प देकर। मैं शुद्ध आत्मा शांत स्वरूप हूं। मेरा मन एक शीतल सरोवर है। शांति सरोवर है। इस शांति के तालाब में से स्वच्छ कमल फूल सामान शांत आत्मा हूं। मेरा मन शुद्ध सरोवर है। गंदा तालाब नहीं। परमात्मा प्रेम का झरना इस मन को शीतल बना रहा है। 
सुदेश दीदी ने कहा कि ये शीतलता आत्मा को आनंद देने वाली है। यह शांति खुशी की शक्ति से भरी है। मैं शरीर से न्यारी शुद्ध आत्मा हूं। पवित्र स्वरूप आत्मा हूं। इन शब्दों से 2 मिनट शांति की अनुभूति करवाई। पहली बात मुझ आत्मा को अपने से प्यार हो। दूसरे दिव्य  बुद्धि को स्वच्छ बनाना है। अपने अंदर धीरज को बढ़ाना है। समझ बढ़ती है तो बुद्धि योग परमात्मा से लगता है। तीसरा संस्कार। संस्कार माना उसके गुणध् आत्मा खत्म हुई तो माना उसकी तीनों शक्ति गई। अगर मुझे अपने आप को स्वच्छ बनाना है तो मुझे अपनी इन तीन शक्तियों पर बार.बार कार्य करना है।
 

सुदेश दीदी ने कहा कि जब मैं परमात्मा को मात.पिता मानूं तभी मैं सबको भाई.भाई की दृष्टि से देख सकती हूं। तो मन को बनाओ मंदिर, घर को बनाओ आश्रम और सृष्टि को बनाओ स्वर्ग। यही है राम राज्य,यही सृष्टि स्वर्ग बन जाएगी। 

कार्यक्रम में तेजेंद्र भाई ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कमलेश और बबीता ने बहुत खूबसूरत पहाड़ी नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ऋषिकेश से बी के आरती दीदी, देहरादून से सुशील भाई, बी के सुचरित्रा,बी के वर्षा, अनिल जैन,राजीव गुप्ता, मधु बिंदल,सुदेश सिंगला,डॉ मनीषा अग्रवाल,स्वधा चौहान, संजीव वर्मा,अनूप भटनागर,अल्पना भटनागर,अनीता वर्मा,अनीता टोंक,संजना सैनी,मनोरमा वती सहित इनर व्हील क्लब के सदस्य मौजूद रहे।