मंडी जिला में युवाओं की उर्जा को सही दिशा में मोड़ने एवं इसके सकारात्मक उपयोग के उद्देश्य से ‘अपना पुस्तकालय’ मुहिम शुरू:उपायुक्त

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला के जिला मुख्यालय तथा उपमंडल मुख्यालयों में पुस्तकालय चलाए जा रहे हैं जहां पर जिला के हजारों विद्यार्थी नीट, जेइइ, एनडीए, एचएएस, पुलिस, पटवारी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारियां करते हैं। परीक्षाओं में सफलता प्राप्ति के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें घर पर ही पड़ी रहती हैं और इसी का सदुपयोग करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा ‘बुक कलेक्शन ड्राइव’ चलाया जा रहा है, ताकि जरूरतमंद विद्यार्थी इन प्रतियोगी पुस्तकों का लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध हो, इसी के दृष्टिगत जिलेभर में ‘ अपना पुस्तकायलय’ स्थापित किए जा रहे हैं। मंडी के मिनी सचिवालय परिसर तथा सरकाघाट में मिनी सचिवालय स्थित तहसील पुस्तकालय को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। करसोग में चल रहे अपना पुस्तकालय को मिनी सचिवालय के बड़े हाल में शीघ्र ही बदला जा रहा है। नेरचौक में पुस्तकालय का कार्य पूरा कर लिया गया हैं। सुन्दरनगर में नगर परिषद द्वारा एक पुस्तकालय चलाया जा रहा है जबकि एक और पुस्तकालय आरंभ करने के प्रयास किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त धर्मपुर, संधोल, थुनाग, जंजैहली, बालीचौकी, पधर, कोटली व जोगिन्द्रनगर में भी पुस्तकालय तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि रीडिंग एक ऐसी आदत है, जिसे आज के समय में प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि हमारे युवाओं की शक्ति सही दिशा में संचालित हो सके और वह नशा जैसी कुरीतियों से बच सकें। अपना पुस्तकालय स्थापित करने की सोच युवाओं को सही दिशा में ले जाने का कार्य करेगी तथा यह एक ऐसा केंद्र बन सकता है जहां हमारे वरिष्ठ नागरिक, बुद्धीजीवी वर्ग का युवाओं के साथ एक संवाद हो सकता है, जिससे बच्चों को अच्छे संस्कार मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर बुद्धिजीवी वर्ग नई प्रतियोगी पुस्तकें अपना पुस्तकालय को डोनेट करना चाहता है तो वह संबंधित एसडीएम अथवा उपायुक्त कार्यालय को कोरियर के माध्यम से भेज सकते हैं।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जिला के सभी लोगों व विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।