200 पार पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स, एनजीटी के आदेशों को ठेंगा..... -जहरीली हो गई है कालाअंब की आबोहवा

200 पार पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स, एनजीटी के आदेशों को ठेंगा.....  -जहरीली हो गई है कालाअंब की आबोहवा

  अक्स न्यूज लाइन --  नाहन, 22  फरवरी 2023
सूबे के बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में शूमार कालाअंब औद्योगिक  में उद्योगों व वाहनों से क्षेत्र की हवा में प्रदूषण के कारण जहर घुल रहा हैं। ऐसे में यह धुंआ यहां रहने वाले हजारों लोगों के  जी क ा जंजाल बना है तथा उनके स्वस्थ्य पर विपरित असर डाल रहा है।  इस ओर ध्यान न देने के कारण औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब रेड जोन में आ गया है। क्षेत्र के वातावरण का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। वातावरण के प्रदूषित होने के कारण क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पढ़ रहा है। हालांकि प्रशासन व विभागों द्वारा क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधारोपण व सफाई अभियान चलाया जाता है। मगर ठोस कदम ना उठाने के कारण क्षेत्र के वातावरण में सुधार के लिए कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कालाअंब क्षेत्र में एयर मॉनिटर डिवाइस भी लगाए हैं। जिसमें एयर कि क्वालिटी बुरी हालत में हैं। दिन में क्षेत्र के वायु में प्रदूषण की स्थिति ठीक हैं। मगर रात होते.होते क्षेत्र की एयर क्वालिटी बहुत खऱाब हो जाती हैं। जानकारी बताते है कि एयर इंडेक्स 100 तक तो ठीक होती हैं। मगर औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब की हवा क्वालिटी 200 इंडक्स के आस पास होती हैंए जो बहुत ही खऱाब स्थिति में हैं। क्षेत्र में उद्योगों द्वारा छोड़ा जा रहा धुआं व क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों पर चलने वाले वाहनों से उडऩे वाली धूल इसका कारण माना जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में उद्योगपति कई बार क्षेत्र की सड़कों की दशा को सुधारने की मांग कर चुके हैं। मगर भारी वाहनों के कारण सड़कों की दशा ठीक करने के कुछ दिनों के बाद फिर खराब हो जाती है। टूटी हुई सड़कों से धूल उड़ कर वातावरण में मिलने से क्षेत्र की हवा को दूषित कर रही है। सड़कों से धूल उड़ कर घरों व उद्योगों में में भी जमा हो रही है। एनजीटी दिल्ली ने कई बार औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में हवा व पानी के बारे में सर्वे कर अपनी रिपोर्ट इस बारे दी हैं। रिपोर्ट में क्षेत्र के वातावरण की स्थिति तय मानकों से कहीं अधिक खराब है। 
-औद्योगिक क्षेत्र उद्योगों से रूटीन में सैंपल लिए जा रहे हैं। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को नोटिस जारी  किए जाते है। कई उद्योगों के मापदंड पूरा ना करने पर चालान भी किए गए हैं। यह कारवाई लगातार जारी है। 
-पवन कुमार, कार्यकारी अधिशासी अभियंता प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने