बालिका, महिला सशक्तिकरण और प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल सरकार की अभिनव पहल

बालिकाओं, महिलाओं और प्रारंभिक शिक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश में अनेक अभिनव कदम उठाए जा रहे हैं। आर्थिक परिस्थितियों के कारण वंचित परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में से एक योजना है ‘इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना’। इस योजना का उद्देश्य बीपीएल परिवारों में जन्म लेने वाली लड़कियों का भविष्य उज्ज्वल करना है। योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली प्रत्येक लड़की के जन्म के समय 25,000 रुपये की राशि बीमा कंपनी के पास जमा किए करवाई जाएगी। इस योजना में माता-पिता दोनों के लिए 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवरेज भी शामिल है।
योजना के तहत बीमा की मैच्योरिटी पर यह राशि बालिका को 18 वर्ष की आयु से 27 वर्ष की आयु तक उसकी इच्छानुसार प्रदान की जाएगी। सरकार की यह नई पहल बालिकाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं जैसे बेटी है अनमोल इत्यादि को संबल प्रदान करेगी।
कामकाजी महिलाओं की मदद के लिए सरकार द्वारा सोलन, नेरी, दारूही, पालमपुर, लुथान, बद्दी, गगरेट, नगरोटा बगवां, चनौर औद्योगिक क्षेत्र और सोलन में मेडिकल डिवाइसिज पार्क सहित 13 नए कामकाजी महिला छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। 132 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले ये छात्रावास महिलाओं के लिए सुरक्षित और किफायती आवास की जरूरत को पूरा करने में सहायक साबित होंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में नौनिहालों को बेहतर प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। इस दिशा में राज्य में सभी 18,925 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘आंगनवाड़ी सह प्री-स्कूलों’ में बदला जाएगा। ये केंद्र 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को खेलकूद आधारित प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इस आधारभूत शिक्षा को प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे बच्चों को एक मजबूत शैक्षणिक शुरुआत मिलेगी।
प्रदेश सरकार की यह दूरदर्शी उपाय समावेशी, समग्र विकास और सामाजिक कल्याण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं। बालिकाओं, महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू कल्याणकारी राज्य की संकल्पना को साकार कर रहे हैं।