हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ कालाअंब के छात्रों ने ग्राहक परामर्श प्रतियोगिता जीती
नाहन,18 नवम्बर :राष्ट्रीय कानूनी उत्सव में हिमालयन ग्रुप के छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, शिमला द्वारा आयोजित चौथे राष्ट्रीय कानूनी उत्सव में हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ कालाअंब के छात्र जयादित्य गुप्ता अपनी टीम सर्वजीत और प्रिया के साथ ग्राहक परामर्श प्रतियोगिता में प्रथम उपविजेता के स्थान पर रहे। हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन रजनीश बंसल, वाइस चेयरमैन विकास बंसल, सीईओ मन्नत बंसल ने विजेता टीम को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि यह गर्व का क्षण है कि हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ के छात्रों ने विश्वविद्यालय स्तर पर कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। कॉलेज ऑफ के प्रिंसिपल डा. अश्विनी कुमार ने विजेता टीम को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं में भी विश्वविद्यालय स्तर की सभी प्रतियोगिता में बहेतर प्रर्दशन करें। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत हमेशा सफलता मंजिल तक ले जाती है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित क रते हुए कहा यदि छात्रों में कुछ बड़ा करने की इच्छा है तो वे निश्चित रूप शिक्षण संकाय सहायक प्रोफेसर दिग्विजय बिंद्रा, श्वेता, मनीषा व अंकित मौजूद रहे।
हिमालयन ग्रुप कालाअंब में सूचना के अधिकार को व्याख्यान
हिमाचल प्रदेश लॉ कॉलेज में सूचना के अधिकार पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। केंद्रीय सूचना आयोग एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पूर्व विधि अधिकारी अधिवक्ता प्रदीप रापरिया ने छात्रों से बातचीत की। व्याख्यान के दौरान उन्होंने छात्रों को सूचना के अधिकार का क्या महत्व है। सूचना कैसे ली जा सकती है। सूचना का अधिकार दाखिल करने की प्रक्रिया बारे विस्तृत जानकारी दी। कई छात्रों इस संबंध में पूछे गए प्रश्नों के जवाब अधिवक्ता प्रदीप रापरिया ने दिए। इस अवसर पर हिमालयन ग्रुप के चेयरमैन रजनीश बंसल, वाइस चेयरमैन विकास बंसल, सीईओ
मन्नत बंसल ने छात्रों से कहा कि सभी को सूचना के अधिकार के बारे में जागरूक होना
चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि इस तरह के गेस्ट लेक्चर से छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है। हिमाचल प्रदेश लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. अश्विनी कुमार ने छात्रों को बताया कि सरकारी तंत्र और उनकी नीतियों को व्यक्तियों
के लिए अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह अधिनियम अस्तित्व में आया है। उन्होंने कहा कि कानून के छात्र होने के नाते उन्हें इसके बारे में जानना चाहिए और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से हम विभिन्न विभागों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विभागाध्यक्ष दिग्विजय, सहायक प्रोफेसर मनीषा बिंद्रा, श्वेता और अंकित उपस्थित थे।