नाहन: समाज सेवियों की इच्छा शक्ति ने खंडहर को बदल डाला भव्य धार्मिक स्थल में...मन्दिर जीर्णोद्धार समिति के प्रयासों औऱ दानवीरों का सहयोग रंग लाया....पक्का टैंक परिसर में..

नाहन: समाज सेवियों की इच्छा शक्ति ने खंडहर को बदल डाला भव्य धार्मिक स्थल में...मन्दिर जीर्णोद्धार समिति के प्रयासों औऱ दानवीरों का सहयोग रंग  लाया....पक्का टैंक परिसर में..

अक्स न्यूज लाइन नाहन 03 दिसम्बर : 

कहतें है अगर इच्छा शक्ति हो और कुछ कर गुजरने का जनून तो कुछ भी सम्भव है। ऐसा ही शहर के कुछ समाज सेवियों ने यहां कर दिखाया । इन समाज सेवियों ने अपनी इच्छा शक्ति, संघर्ष और सम्पर्ण के बलबूते पर शहर के दानवीरों के सहयोग से नाहन शहर की ऐतिहासिक धरोहर पक्का टैंक के किनारे रियासत काल में बनी,दशकों से खंडहर हो चुकी सराय व शिव मंदिर परिसर को 3 साल के भीतर भव्य धार्मिक स्थल में तब्दील कर दिया।

करीब तीन साल पहले  प्रो.अमर सिंह चौहान, डॉ सुरेश जोशी, कृष्ण चंद सोहल, ओमकार जमवाल,अरूण साथी,अशोक सैनी, राकेशअरोड़ा, ख़ुशी राम, संजीव संजु ने इस परिसर का कायाकल्प करने के इरादे से मन्दिर जीर्णोद्धार समिति का गठन किया औरअपनी तरफ से 50,000 हजार रुपये की राशि देकर जीर्णोद्धार कार्य शुरु कराया।

समिति के सदस्यों का संघर्ष और योजना को मूर्त रूप देने के लिए किए गए प्रयास जैसे जैसे आगे बढ़े वैसे वैसे दानवीरों का काफिला बढ़ता गया दानियों के आपार सहयोग से सराय व शिव मंदिर परिसर का कायाकल्प हुआ है। मन्दिर परिसर में त्रिदेव ब्रह्म -विष्णु-महेश की विशाल प्रतिमा की स्थापना ने भी मन्दिर परिसर के पवित्रता,सुंदरता एंव भव्यता को चार चांद लगा दिये हैं।

नाहन में त्रिदेव की विराजमान हुईं यह विशाल प्रतिमा आसपास क्षेत्र की पहली ऐसी प्रतिमा है जहां श्रद्धालु भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश के एक साथ दर्शन कर सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार त्रिदेव एंव ब्रह्मा जी के प्राचीन मंदिर राजस्थान के पुष्कर व चितौड़गढ़ एंव महाराष्ट्र में त्रयम्बकेश्वर मन्दिर में त्रिदेव की आराधना के देश भर श्रद्धालुओं का तांता लगता है।

समिति ने परिसर का अभी तक जितना भी जीर्णोद्धार कार्य किया उस कार्य में हेरिटेज को बरकरार रखा गया। पुरानी आर्चेज की मुरम्मत की गई। पहाड़ी शैली में दीवारों व पिलरों पर फेब्रिकेशन वर्क किया गया।

 परिसर में स्थित सैंकड़ो साल पुराने छोटे शिव मंदिर जो दषकों से एक औऱ झुका था को, जैक सिस्टम से सीधा करने का प्रयास किया  गया। बाहर से प्लास्टर करके पुरानी खंडित प्रतिमाओं का विसर्जन करके में यहां शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। लेकिन गारे मिट्टी से बने इस  मंदिर को फिर से धरोहर के रूप रखरखाव  होना शेष है। इस कार्य के लिए श्रद्धालुओं को आगे आकर सहयोग करना चाहिए ताकि सही तरीके से मन्दिर को सम्भला जा सके।

 गौर तलब है कि भव्य धार्मिक रूप से पहले यह क्षेत्र एक खंडहर था जिसमें गन्दगी की भरमार थी। जिसके अंदर एक जीर्णशीर्ण हालत में शोचालय व एक स्नानघर इन सबका जमकर दरुपयोग लोग कर रहे थे।

 यहां नशेड़ियो की मौज लगी थी, मन्दिर परिसर की पवित्रता भंग हो रही थी। श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचं रही थी ऐसे में समिति ने जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। इस कार्य के लिए नगर परिषद का सहयोग मिला, नप प्रशासन ने समिति को एनओसी जारी किया और जीर्णोद्धार कार्यशुरू किया गया । समिति के सदस्यों की इच्छा शक्ति, संघर्ष ,समर्पण और श्रद्धालुओं के सहयोग एक खंडहर आज यह भब्य धार्मिक स्थल के रूप में सबके सामने है।