शिलाई ब्लॉक में पंजोड गांव के दो लाल बने इतिहास प्रवक्ता

शिलाई ब्लॉक में  पंजोड गांव के दो लाल बने इतिहास प्रवक्ता

अक्स न्यूज लाइन, नाहन 12 मार्च :  
सिरमौर जिले के शिलाई तहसील के सुदूर गांव पंजोड के दो युवाओं ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। रविंद्र शर्मा और सतीश सरस्वती का चयन हिमाचल प्रदेश में इतिहास विषय के प्रवक्ता (लेक्चरर) के पद पर हुआ है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष, बल्कि परिवार और गुरुजनों के अथक समर्थन का परिणाम है।

रविंद्र शर्मा: किसान परिवार से निकली शैक्षणिक यात्रा
रविंद्र शर्मा ने अपनी शिक्षा की नींव नाहन के बॉयज स्कूल से रखी, जहां से उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। स्नातक की पढ़ाई नाहन कॉलेज से पूरी करने के बाद, उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर डिस्टेंस एजुकेशन एंड ओपन लर्निंग (ICDEOL) से एमए (इतिहास) की डिग्री प्राप्त की। कोरोनाकाल में संसाधनों की कमी के बावजूद, रविंद्र ने घर पर रहकर ही प्रवक्ता परीक्षा की तैयारी की और सफलता अर्जित की।

रविंद्र के पिता श्री कालू राम एक साधारण किसान हैं, जबकि माता श्रीमती रतो देवी गृहणी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, गुरुजनों और परिवार के अन्य सदस्यों को दिया। उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने खेत में मेहनत कर मेरी पढ़ाई का खर्च उठाया, और माता ने हर कदम पर प्रेरणा दी। यह उन्हीं का आशीर्वाद है।"

सतीश सरस्वती: पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए
दूसरे चयनित युवा सतीश सरस्वती ने हलां स्कूल से दसवीं और बारहवीं की शिक्षा प्राप्त की। स्नातक की पढ़ाई नाहन कॉलेज से पूरी करने के बाद, उन्होंने स्वाध्याय के माध्यम से एमए (इतिहास) की उपाधि हासिल की। सतीश के लिए उनके स्वर्गीय पिता श्री केवल राम, जो एक शिक्षक थे, सबसे बड़ी प्रेरणा रहे। उन्होंने कहा, "पिताजी ने हमेशा शिक्षा को जीवन का आधार बताया। उनकी स्मृति ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया।"

सतीश के बड़े भाई अनिल सरस्वती और सुनील सरस्वती ने भी उनकी पढ़ाई में आर्थिक और मानसिक सहयोग किया। उनकी माता श्रीमती तोता देवी ने घर की जिम्मेदारियों को संभालते हुए उन्हें निर्बाध पढ़ाई का माहौल दिया। सतीश ने अपनी सफलता का श्रेय भाइयों, माता और शिक्षकों को दिया।