मुफ्त कानूनी सहायता और राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाएं
उन्होंने बताया कि आम लोगों को न्याय सुलभ बनाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। मुफ्त कानूनी सहायता योजना इनमें से सबसे महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने बताया कि एससी-एसटी वर्ग के लोग, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांग, आपदा पीड़ित, अत्याचार पीड़ित, श्रमिक, किन्नर, कैदी और सालाना 3 लाख रुपये से कम आय वाले सभी वर्गों के लोग मुफ्त कानूनी सहायता योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। किसी भी न्यायालय परिसर में स्थापित फ्रंट आफिस में जाकर पात्र लोग मुफ्त कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
असलम बेग ने बताया कि मानव तस्करी के शिकार लोगों, असंगठित क्षेत्र के कामगारों, किसी भी तरह के अत्याचार और तेजाब हमलों की शिकार महिलाओं की मदद के लिए भी नालसा ने योजनाएं आरंभ की हैं। उन्होंने बताया कि अदालतों में लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालतों का प्रावधान भी किया गया है। इसी क्रम में 14 सितंबर को भी राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाएगी। इस अदालत में विभिन्न मामलों का त्वरित निपटारा करवाया जा सकता है। उन्होंने आदिवासी लोगों के अधिकारों, महिला अधिकारों और हाल ही में लागू किए गए तीन नए कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से भी अवगत करवाया।
उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में जांच एजेंसियों को दो महीने के अंदर जांच पूरी करनी होगी। 90 दिनों के अंदर पीड़ितों को केस में प्रगति की नियमित अपडेट देनी होगी। अपराध की शिकार महिलाओं और बच्चों को सभी अस्पतालों में फर्स्ट एड या निशुल्क इलाज की गारंटी होगी।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार ने महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कि मिशन शक्ति के तहत 100 दिवसीय अभियान के दौरान कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी संजय गर्ग, जेंडर स्पेशलिस्ट नीशा देवी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं उपस्थित थीं।